किसानों को खेती के वैज्ञानिक तरीके बताये गये
निःशुल्क बीज का वितरण
छतरपुर जिले के अनूसूचित जनजाति क्षेत्र नैगुवां, किशनगढ़, डुगरिया, कदवारा, पटौरी, बिहरवारा, मलवारा एवं देवरा तथा राजनगर के विस्थावित ग्राम एकलव्यनगर का भ्रमण करते हुये किसानों को चौपाल लगाकर किसानों को कम दिनों में होने वाली खरीफ फसलों की किस्मों की कतार से बुवाई तथा उर्वरक कीटनाशक नीदा नियंत्रण हेतु प्राकृतिक खेती करने के तरीके बताये गये।
किसानों द्वारा बताया गया है कि ग्राम नैगुवां एवं एकलव्यनगर पन्ना नेशनल पार्क से विस्थापित मे होने के कारण समिति प्रबंधक द्वारा वन पट्टाधरियोें को केसीसी का लाभ नहीं मिल रहा है। इस संबंध में महाप्रबंधक जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक छतरपुर से दूरभाष पर बात की गई। कृषकों के के.के.सी बनवाने के लिये ग्राम स्तर पर ही कैंप लगाये जाएंगे।
इस अवसर पर अनुसूचित जाति वर्ग के किसानां को उड़द फसल किस्म प्रताप-1 के बीज मिनीकिट किसानों को वितरित किये गये तथा कृषकों को बीज के उपयोग में बरतने जाने वाली सावधानियां बताई गई। किसानों को सलाह दी गई कि नगद में खरीदे गये कीटनाशक दवाओं के बिल दुकानदार से लें। यह बिल में बैंक खाता नम्बर, आधार नम्बर का उल्लेख करते हुये ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी को दें। जिससे शासन द्वारा संचालित योजनाओं के तहत आधी राशि कृषकों बैंक खाते में अनुदान के रूप में जमा होगी।
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