MPNEWS। चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री Vishvas Kailash Sarang ने मध्यप्रदेश में पीपीपी मॉडल आधारित चिकित्सा महाविद्यालय शुरू करने समीक्षा बैठक की। समीक्षा में प्रथम चरण में प्रदेश के 5 जिलों में पीपीपी मॉडल आधारित चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना करने का निर्णय लिया। इसमें भोपाल, इंदौर, जबलपुर, बालाघाट एवं कटनी में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज शुरू करने का निर्णय लिया।
निजी निवेशकों को भूमि लीज़ पर उपलब्ध करायेगी राज्य सरकार
राज्य सरकार द्वारा मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिये निजी निवेशक को 99 वर्ष (60 वर्ष + 39 वर्ष) की लीज पर भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अतिरिक्त निजी निवेशक को 300 बिस्तरीय अस्पताल भवन भी राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा।
निर्माण का खर्च स्वयं व्यय करेगा निजी निवेशक
बैठक में निर्णय लिया गया कि उपलब्ध कराई गई भूमि पर निजी निवेशक द्वारा स्वयं के व्यय से मेडिकल कॉलेज का निर्माण करेगा। उसका संचालन एवं संधारण उसी के द्वारा किया जायेगा।
डीबीएफओटी मॉडल पर पीपीपी पार्टनर द्वारा स्वयं किया जायेगा व्यय
मंत्री श्री सारंग ने निर्देश दिये कि मेडिकल कॉलेज की स्थापना डीबीएफओटी (डिजाइन, बिल्ट, फाइनेंस, ऑपरेट एंड ट्रांसफर) मॉडल पर पीपीपी पार्टनर द्वारा की जायेगी। इसके अंतर्गत निजी निवेशक द्वारा मेडिकल कॉलेज, हॉस्टल, रेसिडेंशियल कॉम्प्लेक्स, उपकरण, बुक्स एवं जर्नल्स आदि का व्यय वहन करना शामिल होगा।
आयुष्मान मरीजों के साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को मिलेगा निःशुल्क उपचार
पीपीपी मॉडल आधारित अस्पतालों में आयुष्मान मरीजों के साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को भी निःशुल्क उपचार मिल सकेगा। वहीं गैर आयुष्मान मरीजों को बाजार दर पर उपचार की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार की पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज की स्थापना नीति अनुसार राज्य सरकार के वर्तमान में संचालित मेडिकल कॉलेज को ट्रेनिंग हॉस्पिटल के रूप में परिवर्तित कर 100 एमबीबीएस सीट के प्रवेश के लिये पीपीपी आधारित मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जाएगी। बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री मोहम्मद सुलेमान, आयुक्त चिकित्सा शिक्षा श्री निशांत वरवड़े सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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