प्रदेश के सभी शासकीय चिकित्सालयों के लिये कार्य समय और आकस्मिक ड्यूटी समय निर्धारित किया है

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प्रदेश के सभी शासकीय चिकित्सालयों के लिये कार्य समय और आकस्मिक ड्यूटी समय निर्धारित किया है
आयुक्त लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. सुदाम खाड़े ने प्रदेश के सभी शासकीय चिकित्सालयों के लिये कार्य समय और आकस्मिक ड्यूटी समय निर्धारित किया है।

बाह्य रोगी विभाग

आदेश में अस्पताल का बाह्य रोगी विभाग सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक एवं सायकाल 5 से 6 बजे तक बाह्य रोगियों के परीक्षण का समय निर्धारित किया गया है। रोगियों का पंजीयन दोपहर एक बज कर 45 मिनट तक किया जायेगा। इससे पूर्व किसी भी परिस्थिति में पंजीयन बंद नहीं किया जायेगा। सभी चिकित्सक अस्पताल के अंत रोगी विभाग में भर्ती मरीजों का सुबह का राउंड सुबह 9.30 बजे से पूर्व करेंगे। जिन चिकित्सकों के जिस दिन मरीज भर्ती नही होगे उस दिन राउंड नहीं करेंगे तथा ऐसे सभी चिकित्सक प्रातः 9 बजे से अपने निर्धारित ओ.पी.डी. कक्ष में उपस्थित रहकर कार्य करेंगे।

सामान्य दिनों के साथ रविवार एवं अन्य अवकाश के दिनों में जिला अस्पताल, सिविल अस्पताल में आपातकालीन सेवायें 24 घण्टे जारी रहेगी। आपातकालीन सेवाओं का संचालन आपातकालीन कक्ष में ही किया जायेगा तथा उक्त दिवस में समस्त चिकित्सक (विशेषज्ञ / चिकित्सा अधिकारी ) 9 से 11 बजे अपने भर्ती मरीजो का वार्डो में राउन्ड लेंगे। दो दिवस का अवकाश निरंतर होने की स्थिति में द्वितीय अवकाश के दिन नियमित ओ.पी.डी प्रात 9 से 11 बजे तक खुली रहेगी।

आपातकालीन सेवाऐं

जिला अस्पताल एवं सिविल अस्पताल में आपातकालीन सेवाये 24 घंटे उपलब्ध रहेंगी। इन चिकित्सालय में चिकित्सकों की आपातकालीन डयूटी व्यवस्था तीन शिफ्ट में होगी। जिसमें प्रथम शिफ्ट 8 से 2 बजे, द्वितीय शिफ्ट 2 से 8 बजे एवं तृतीय रात्रि 8 से प्रात: 8 बजे तक होगी।

चिकित्सक आपातकालीन ड्यूटी के बाद चिकित्सक चार्ज हेन्डऑवर करते समय वार्ड में भर्ती मरीजों का संक्षिप्त विवरण भी देंगे। आपातकालीन ड्यूटी हेतु चिकित्सालयों में चिकित्सकों की संख्या निर्धारित की जाती है। जिममें 400 से अधिक बिस्तरों की संख्या में चिकित्सकों की संख्या क्रमश: प्रथम, द्वितीय और तृतीय शिफ्ट में 2-2 रहेगी। 200 से 400 बिस्तरों की संख्या में चिकित्सकों की संख्या प्रथम एवं द्वितीय शिफ्ट में एक-एक तथा तृतीय शिफ्ट में 2 रहेगी। इसी तरह 200 या इससे कम बिस्तरों की संख्या में चिकित्सकों की संख्या प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय शिफ्ट में 1-1 रहेगी।

मेटरनिटी बिग में भी इन चिकित्सालयों में राउंड द वॉक डयूटी उपरोक्तानुसार लगाई जाये। इसमें पी.जी.एम.ओ. (स्त्री रोग) तथा महिला चिकित्सा अधिकारियों की डयूटी लगाई जायें। यदि इन चिकित्सा अधिकारियों की संख्या 03 से कम हो तो स्त्री रोग विशेषज्ञ जो कि कनिष्ठ हो की सेवाये ली जाय। यदि स्त्री रोग विशेषज्ञ को मिलाकर संख्या 3 हो तो उनकी रात्रिकालीन डयूटी रोटेशन में लगाई जाये। इससे कम संख्या होने पर उनकी कॉल डयूटी रोटेशन में लगाई जाये। मेटरनिटी विंग में ड्यूटी करने वाले चिकित्सकों की सामान्य आपातकालीन सेवा हेतु ड्यूटी नहीं लगाई जाये।

एस.एन.सी.यू. में राउण्ड द क्लॉक शिफ्ट डयूटी के लिये जिला चिकित्सालयों के अधीन शिशु रोग विशेषज्ञ के 4 पद स्वीकृत है। इन पदो के विरुद्ध पदस्थ शिशु रोग विशेषज्ञ व एस.एन.सी.यू. में पदस्थ समस्त चिकित्सक अनिवार्यत शिष्ट ड्यूटी करेंगे एवं एस. एन. सी.यू. के समस्त प्रोटोकोल्स का पालन सुनिश्चित करेंगे। यथासंभव एसएनसीयू में डयूटी करने वाले चिकित्सकों की सामान्य आपातकालीन सेवाओं हेतु ड्यूटी नहीं लगाई जाये।

यदि किसी विषय में विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध न हो तो वरिष्ठ पी.जी.एम.ओ. से विशेषज्ञ का कार्य लिया जावें। संबंधित चिकित्सक से विषय विशेषज्ञ की ओपीडी इमरजेंसी कॉल डयूटी अवश्य कराई जाए। अन्य चिकित्सालय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्दों प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सकों की उपलब्धता के अनुसार रोस्टर बना कर कॉल ड्यूटी लगाई जाये जिन चिकित्सालयों में केवल 1-2 चिकित्सक है, वहां चिकित्सक चिकित्सालयों में आ रहे गंभीर रोगियों को आपातकालीन सेवाएं देने के लिये ऑन-कॉल उपलब्ध रहेंगे।

आपातकालीन डयूटी के समय आने जाने प्रत्येक रोगी का विवरण एक पृथक पंजी में दर्ज किया जाये, जिसमें रोगी का नाम पता व अन्य विवरण दर्ज हो। आपातकालीन डयूटी से जाने वाले चिकित्सक द्वारा ड्यूटी के लिए आने वाले चिकित्सक को चिकित्सालय में भर्ती समस्त गंभीर रोगियों की जानकारी अवश्य दी जाये।

विशेषज्ञ चिकित्सक ओ.पी.डी. कक्ष में सेवाये के साथ-साथ ऑन कॉल आपातकालीन डयूटी करेंगे। आपातकालीन ड्यूटी सर्वप्रथम चिकित्सालयों के चिकित्सा अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाये, यदि चिकित्सा अधिकारी की कमी पड़े तो मुख्यालय पर स्थित डिस्पेन्सरियों से चिकित्सा अधिकारियों की डयूटी लगाई जा सकती है। डिस्पेन्सरी में कार्यरत चिकित्सक की आपातकालीन डयूटी रात्रि 8 बजे से प्रात 08 बजे तक की पाली में ही लगाई जायें। डयूटी लगाते समय ध्यान रखा जाए कि डिस्पेसरी का काम कम से कम प्रभावित हो यथासंभव माह में चार से अधिक डयूटी न लगाई जाये। अत्यावश्यक होने पर ही सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक द्वारा विशेषज्ञों की आपातकालीन डयूटी लगायी जाये।

प्रातः 8 बजे से 2 बजे तक आपातकालीन डयूटी करने वाले चिकित्सक उसी दिवस सायं ओ.पी.डी. डयूटी से तथा दोपहर 2 से 8 बजे तक ड्यूटी करने वाले चिकित्सक को उसी दिवस प्रात ओपीडी डयूटी से मुक्त रहेंगे। रात्रिकालीन डयूटी के पश्चात चिकित्सकों को अगले दिन केवल प्रातः डयूटी से ऑफ़ मिलेगा अर्थात सायं 05 से 06 की ओ.पी.डी. में अपनी सेवाये अनियवार्यत: देंगे।

जाँच (पैथोलॉजी, एक्स-रे एवं बायोकेमिकल) विभाग

जिला चिकित्सालयों में परीक्षण / जाँच ( पेथोलाजी, बायोकेमेस्ट्री एवं रेडियोलॉजी (एक्स-रे) विभाग प्रात: 8 बजे से दोपहर 3 बजे तक खुला रहेगा। जिन चिकित्सालयों में तीन से अधिक लैब टेक्निशियन पदस्थ है यहा सेम्पल कलेक्शन सेंटर बढ़ाये जाए तथा उनकी रोटेशन में कॉल ड्यूटी लगाई जाये। जांच हेतु सेम्पल नियमित ओ.पी.डी. में एवं आपातकालीन ओ.पी.डी. में आवश्यकता अनुसार लिये जाये तथा लिए गए सेम्पल्स की रिपोर्ट यथासंभव उसी दिन प्रदाय की जाए तथा सायकालीन ओपीडी में संबंधित चिकित्सक को रोगी द्वारा रिपोर्ट दिखाई जा सके।

राष्ट्रीय कार्यक्रम

फॉल्ट विजिट, राष्ट्रीय कार्यक्रमों का जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन एवं पर्यवेक्षण कोर्ट आदि कार्य पूर्व व्यवस्थानुसार निरंतर रहेगा तथा इसका उल्लेख मूवमेंट रजिस्ट्रर में अनिवार्य रूप से किया जाये।

जिला चिकित्सालय ओ.पी.डी में उपलब्ध चिकित्सकों का नाम कक्ष क्रमाक की जानकारी पूर्व से हेल्प डेस्क एवं डिजिटल बोर्ड में अनिवार्यत प्रदर्शित किया जाय।

अस्पताल के बाहर ओ.पी.डी. कक्ष एवं जांच कक्ष का साईनेज बोर्ड आवश्यक रूप से स्थापित किया जाए तथा कक्ष क्रमांक, वार्ड, विभाग आदि हेतु मुख्य जगह पर साइनेज/एरो अवश्य स्थापित किये जाये।

संस्था प्रमुख द्वारा शासकीय चिकित्सालयों में उपरोक्त निर्देशों का पालन सुनिश्चित कराया जाये तथा अधीनस्थ चिकित्सक/स्टॉफ को उक्त निर्देशों के संबंध में अवगत कराते हुए जनसामान्य की जानकारी हेतु चिकित्सालयीन समय व्यवस्था वाबत जानकारी चिकित्सालयों में प्रमुख स्थान पर प्रदर्शित की जाये।

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