दमोह जाँच के उपरांत ही एजेंसियों को सामग्री का भुगतान किया जायेगा। सामग्री सही गुणवत्ता युक्त वितरित कराई जायेगी, उसके लिए जनपद स्तरीय समिति पूरे एक-एक चीज को देखेगी फिर वितरित करेगी। कलेक्टर के निर्देशन में कार्यवाही पूरी की जाएगी और यह कार्यवाही जनपद के दोनों से सीईओ की जिम्मेदारी थी कि वो उसको करते, उन्होंने अपने कर्तव्य को ठीक ढंग से पालन नहीं किया, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसी संबंध में सागर संभागायुक्त सागर मुकेश शुक्ला ने प्रकरण की जॉच कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में पारदर्शिता से की है।
संभागायुक्त श्री शुक्ला ने बताया कि मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश है कि इस मामले की पूरी पारदर्शिता के साथ जांच की जाए और जांच के तथ्य सभी के सामने लाएं और उन निर्देशों के पालन में, मैं, कलेक्टर, सीईओ जिला पंचायत, जनपद अध्यक्ष, समिति के सदस्य के साथ ही जाँच में हितग्राहियों को भी बुलाया गया जो वहां पर थे।
उन्होंने बताया जाँच की गई स्टील की अलमारी अच्छी हैं, जांच करने पर स्टील की अलमारी अच्छी पाई गई, डाईनिंग टेबल फाइबर की कुर्सियों की जांच की गई, वह भी आईएसओ पाई गई, पलंग को भी देखा गया वह भी अच्छा है। रजाई, गद्दे, दो तकिया चादर जिनकी जितनी मोटाई होनी चाहिए उतनी पाई गई और संतोष व्यक्त किया गया, लेकिन दिवार घड़ी वह अच्छी नहीं पाई गई गुणवत्ता युक्त नहीं पाई गई इसलिए उसे रिजेक्ट किया गया। टेबल फैन जो सैम्पलिंग के टाइम दिखाया गया थे वास्तव में वितरण नहीं हुआ, जिसे भी रिजेक्ट किया गया। इस अवसर पर मीडियाकर्मी सभी पूरी जांच के समय मौजूद रहे।
स्टील के बर्तन पर आपत्ति थी लेकिन प्रत्येक स्टील के बर्तन को देखा गया, वजन मशीन से वजन भी कराया गया जो सही पाया गया। प्रेशर कुकर आई एस आई मार्क पाया गया। वधु के कपड़े के सैंपल दिखाया गया था हितग्राहियों ने कहा कि जैसे यहां साड़ियां दिखाई जा रही हैं वहां पर वास्तव में वह साड़ियां वितरण नहीं हुई है, इसलिए उसको भी रिजेक्ट किया गया जो साड़ियां वितरित हो चुकी है, उनको वापस बुलवा लिया जाएगा और फिर से दिया जाएगा।
आभूषण बिल्कुल सही है, कुल मिलाकर तीन आइटम सही नहीं पाए गये, बाकी सभी आइटम अच्छे हैं, लेकिन उन आइटमों में गलतियां पाई गई इसलिए मैंने रिजेक्ट किया। उनको वापस भी किया जाएगा, उनको बुलाकर पुर्न वितरण किया जाएगा। हालांकि पंखा घड़ी वितरित ही नहीं है।
ज्ञातव्य है समाचार पत्रों एवं प्रिंट मीडिया के माध्यम से यह सामने आने पर मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह योजना अंतर्गत जो सामान वितरित किया गया है उसमें कुछ सामान गुणवत्ता युक्त नहीं होने तथा विवाह के समय निगरानी समिति जो जनपद स्तर पर बनी थी उसने कुछ आइटम पर अपनी आपत्ति दर्ज की थी।