फाइलेरिया (हाथी पांव) को भगाना है एलबेन्डाजोल गोली चबा-चबा कर खाना है
हाथी पांव जैसे भयंकर रोग का आसान बचाव
कलेक्टर संदीप जी.आर. ने कहा कि स्वास्थ्य और स्वच्छता सबसे महत्वपूर्ण है। समाज के हर व्यक्ति इन दोनों बातों को गंभीरता से लें। बीमारी स्वच्छता नहीं रखनें से अधिक संक्रमित होकर फैलती है। घरों में साफ सफाई बनाए रखने पर ध्यान दें। पानी की टंकियों सहित ऐसे बर्तन जिनमें पानी एकत्रित रखते है। उन्हें खुला न रखें। समय पर सफाई करें। हाथी पांव की दवाई का बिना डर के सेवन करें और छतरपुर जिले को हाथी पांव रोग से मुक्त बनाएं।
उन्होंने राष्ट्रीय फाइलेरिया दिवस के मौके पर 10 फरवरी को उत्कृष्ट विद्यालय छतरपुर में फाइलेरिया उन्मूलन के लिये मॉस ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन अभियान का शुभारंभ करते हुए उक्त उद्गार व्यक्ति किए। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती विद्या अग्निहोत्री एवं चिकित्सकों द्वारा स्कूली बच्चों को डीईसी, एलबेंडाजोल एवं आइवरमेक्टिन गोली का सेवन कराया गया। यह अभियान जिले में 22 फरवरी तक चलाया जाएगा। जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती विद्या अग्निहोत्री ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि इस अभियान में बूथ पर एवं घर-घर दी जाने वाली दवाओं का सेवन करते हुए फायलेरिया रोग को नियंत्रित करने में सहयोग करें। कार्यक्रम में उपसंचालय एवं राज्यकार्यक्रम अधिकारी हिमांशु जयसवाल, सीएमएचओ डा. लखन तिवारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के प्रारंभ में हाथी पांव बीमारी से जिले को मुक्त बनाने की शपथ दिलाई गई।
◆ कैसे और कितनी मात्रा में करें सेवन
छतरपुर जिले में 2 वर्ष से 5 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी एवं एलबेन्डाजोल की 1-1 गोली, 6 से 14 वर्ष के बच्चों को डीईसी की 2 गोली तथा एलबेन्डाजोल की 1 गोली व 15 से या इससे अधिक वर्ष के लोगों को डीईसी की 3 एवं एलबेन्डाजोल की 1 गोली इस अभियान में खिलाई जाना है। एलबेन्डाजोल गोली कीटाणुनाशक है इसे चबाचबा कर खाना है। इस गोली को सेवन 0 से 2, गंभीर बीमारी से ग्रस्त व्यक्तियों, गर्भवती माताओं को नहीं करना है।
◆ आइवरमेक्टिन गोली की ऊंचाई के अनुसार कैसे करें सेवन
90-119 से.मी. लम्बाई के व्यक्ति को पीले रंग की 1 गोली, 120-140 से.मी. वाले को नीले रंग की 2 गोली, 141-158 से.मी. वाले को हरे रंग की 3 गोली तथा 158 से.मी. लम्बाई के ऊपर के व्यक्ति को बैगनी रंग की 4 गोलियों का सेवन खाना खाने के पश्चात् ही करना है। एमडीए के दौरान पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को आइवरमेक्टिन गोली का सेवन नहीं करना है।
◆ हाथी पांव बीमारी (लिम्फएड़िया) को कैसे पहचाने
◆ नियुक्त दल दवा के सेवन कराने के साथ करेंगे बीमारी होने की लेंगे जानकारी
स्वास्थ्य विभाग द्वारा ब्लॉक स्तर पर 7 हजार 791 दवा सेवक, जो दवा का सेवन कराएंगे, साथ ही मॉनिट्रिंग अधिकारियों की भी नियुक्ति की गई है। दलों के द्वारा घर-घर जाकर परिवार के सदस्यों से मिलना, फायलेरिया रोग से होने वाली परेशानी उसके बचाव के तरीके बताना, एम.डी.के महत्व व उसके फायदे को समझाना एवं दवा खिलाने के बारे में जानकारी दी जाएगी।
आपके घर के आसपास अथवा ग्राम में किसी व्यक्ति के हाथ, पैर अथवा शरीर के अन्य भाग में सूजन का होना, पुरूष के अण्डकोष में सूजन का होना, शरीर के सूजन वाले हिस्से में बार-बार लालपन का होना, दर्द होकर बुखार आना तथा व्यक्ति की जांघो अथवा बगल की लिम्फ ग्रंथियों में सूजन का होना हाथी पांव बीमारी के लक्षण में आते हैं।
◆ बचाव एवं सावधानियां
फाइलेरिया मच्छरों के काटने से होता है और मच्छर गंदगी में पैदा होते हैं। इसलिए इस रोग से बचना है तो आसपास स्वच्छता का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। दूषित पानी, कूड़ा जमने ना दें, जमे पानी पर कैरोसीन का छिड़काव करना, सोने के समय मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी का उपयोग करें।