सतीश सद्गुरूनाथ जी महाराज |
जबलपुर: परम पूज्य सतीश सद्गुरूनाथ जी महाराज द्वारा पावन नवरात्रि पर शिवमहापुराण कथा के द्वारा भक्ति की अविरल जलधारा बहा रहे हैं। कथा के दूसरे दिन भी काफी संख्या में लोगों ने सद्गुरूनाथ जी महाराज के मुखारविन्द से कथा का श्रवण किया। गुरूदेव ने कहा कि शिवमहापुराण कथा को जो भी शिवभक्त पूरी श्रद्धा के साथ श्रवण करता है उसके सारे दुःख अनायास ही दूर हो जाते हैं। देवाधिदेव महादेव की उस पर विशेष कृपा बरसती है।
गुरूदेव ने कहा कि कभी भी जीवन में कोई भी दुःख आए आप भोलेनाथ पर अटूट विश्वास रखें। कोई भी ऐसी समस्या नहीं है। जिसे भोलेनाथ दूर न कर सकें। जीवन में अपमान-सम्मान जो भी आपको मिले आप सबकुछ भोलेनाथ के उपर छोड़ दें। जिनको जीवन में सम्मान कम मिला हो उनका हर छोटी से छोटी बात पर अपमान हो जाता है। मेरे तरफ देखा नहीं, मुझसे ऐसा क्यों करवाया, मुझे अनदेखा किया। हर बात में उनका अपमान हो रहा है। अगर सम्मान पाना है तो पहले झुकना सीखिए जितना ज्यादा झुकोगे, जितना ज्यादा सहज बनोगे। उतना ज्यादा सम्मान मिलेगा। ये बिल्कुल अटल सत्य है।
गुरूदेव ने कहा कि लोग पैसे के पीछे इतनी हाय-तौबा मचाए रखते हैं, लेकिन लक्ष्मी माता की याद सिर्फ दीवाली के समय आती है। जब उनकी विधिवत पूजा की जाती है। मानव हर चीज अब अपनी सुविधा अनुसार करने लगा है। ये कैसी विडंबना है। लक्ष्मी और गणेश जी की विधिवत पूजा रोजना करनी चाहिए। जिससे माता लक्ष्मी आप पर प्रसन्न रहे। शिव महापुराण में भी लक्ष्मी की महत्ता काफी बताई है। लेकिन लक्ष्मी जी की पूजा में हाथी जरूर होना चाहिए। जब सामाजिक उत्थान के लिए आप पूजा कर रहे हो तो उल्लू पर बैठी हुई मां लक्ष्मी की पूजा दीवाली में करें आपके सारे काम आसानी से हो जाएंगे। गुरूदेव ने कहा कि अगर आप स्थायी लक्ष्मी की कृपा पाने चाहते हैं तो करवा चौथ से लेकर दीपावली तक घर में घी का दीया जरूर जलाएं। आपके घर में सुख-सौभाग्य एवं खुशियां जरूर आएगी।