नई दिल्ली (एजेंसी )। बिग बर्ड डे पर दिल्ली बर्ड क्लब की ओर बर्ड वॉचिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में जानकारी दी गई कि तापमान का असर इंसान ही नहीं बल्कि पक्षियों पर भी हो रहा है। कार्यक्रम में बताया कि इस वर्ष केवल 234 प्रजाति के पक्षी देखे गए हैं। जबकि बीते वर्ष यह आंकड़ा 253 प्रजातियों का था। जलवायु परिवर्तन का असर जैव विविधता पर पड़ रहा है। वर्षा के बदलते स्वरूप और समुद्र का बढ़ता तापमान इंसान के साथ पक्षियों पर भी बुरा असर डाल रहा है। बदलते तापमान से प्रवासी पक्षियों के आगमन पर भी प्रभाव पड़ा है। इसमें सबसे अधिक परेशानी दुर्लभ प्रजातियों के पक्षियों के सामने आ रही है। बिग बर्ड डे पर दिल्ली बर्ड क्लब की ओर से किए गए बर्ड वॉचिंग कार्यक्रम में सामने आया है कि इस वर्ष केवल 234 प्रजाति के पक्षी देखे गए हैं। पर्यावरण व पक्षी प्रेमियों के लिए यह खबर जरूर चिंतित करने वाली है।
कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि दिल्ली-एनसीआर में बनाए गए जैव विविधता उद्यान विलुप्त होती पक्षियों की प्रजातियों के लिए नए आशियाने तो बन रहे हैं, लेकिन मौसमी घटनाओं की वजह से यहां कम पक्षी पहुंचे हैं। यह कार्यक्रम यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क, अरावली, कमला नेहरू रिज, कालिंदी बायोडायवर्सिटी पार्क, ओखला बर्ड सेंक्चुरी, संजय वन समेत कई इलाके में आयोजित किया गया। इस वर्ष सबसे कम प्रजाति के पक्षी ओखला बर्ड सेंक्चुरी में देखे गए हैं। यहां कुल 46 प्रजातियों के पक्षी देखने को मिले हैं। इसके बाद सकतापुर अरावली स्क्रब में 65, संजय वन में 71, सूरज वेटलैंड में 79 प्रजातियों के पक्षी सामने आए हैं।
जानकारी मिली है कि सर्दियों के दौरान यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क में यूरोप, साइबेरिया और मध्य एशिया और चीन से प्रवासी पक्षियों की लगभग 30 प्रजातियां आती हैं, इन में फेरुजिनस पोचार्ड, यूरेशियन विजन शामिल हैं। इस बार यमुना में 87 प्रजाति के पक्षी आए हैं, जबकि वर्ष 2023 में यहां 102 प्रजाति के पक्षी आए थे। वहीं, अरावली में 58, जबकि बीते वर्ष में 62 प्रजाति आई थी। वहीं, कमला नेहरू रिज में 57 प्रजाति, नीला हौज में 33, तुगलकाबाद में 46 और कालिंदी बायोडायवर्सिटी में 70 प्रजाति के पक्षी देखने को मिले हैं।