नई दिल्ली। भारत की उच्चतम न्यायालय ने लोकसभा में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए आरक्षण की मांग करने वाली एक जनहित याचिका सोमवार को यह कहते हुए खारिज कर दी कि न्यायपालिका नीतिगत फैसलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकती।
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पार्डीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि हम चुनावों में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए आरक्षण का आदेश नहीं दे सकते। यह पूरी तरह से एक नीतिगत मामला है। इसे खारिज कर दिया गया है। पीठ ने जनहित याचिका में इस दलील पर भी सवाल उठाया कि उम्मीदवारों को नामांकन फार्म में अपनी दिव्यांगता की स्थिति के बारे में खुलासा करने के लिए कहा जाना चाहिए।
दिल्ली के द्वारका निवासी जयंत राघव ने दायक की याचिका
पीठ ने पूछा कि नामांकन फॉर्म में यह खुलासा क्यों किया जाना चाहिए कि कोई व्यक्ति दिव्यांग है। जनहित याचिका दिल्ली के द्वारका निवासी जयंत राघव की ओर से दायर की गई थी याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में केंद्र सरकार, चुनाव आयोग और छत्तीसगढ़ एवं राजस्थान के चुनाव निकायों को पक्षकार बनाया था।