लहसुन के तेवर हुए कम....

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रतलाम मंडी में औधे मुंह गिर लहसुन के भाव,

किसान आंदोलन का असर

34 हजार से गिरकर 15 हजार रुपये क्विंटल हुए लहसुन के दाम

भोपाल (एजेंसी)। प्रदेश के रतलाम जिले की नीलाम मंडी में पंद्रह दिन पहले जहां अच्छी क्वालिटी की लहुसन अधिकतम 34 हजार रुपये क्विंटल तक बिक रही वहीं अब दाम गिरकर 15 हजार रुपये तक आ गए हैं। पावर हाउस रोड स्थित नीलाम मंडी में नई लहसुन की आवक बढ़ने के चलते दामों में गिरावट का दौर जारी है। फुटकर बाजारों में दो सप्ताह पहले मीडियम क्वालिटी की नई लहसुन 300 रुपये किलो तक बिक रही थी जो अब सौ से डेढ सौ रुपये किलो तक बिक रही है। वैसे तो जनवरी के अंतिम सप्ताह से नई लहसुन की आवक शुरू हो गई थी, लेकिन एक फरवरी से आवक ज्यादा होने लगी। फरवरी के पहले सप्ताह में जहां आवक छह सौ से साढ़े ग्यारह सौ क्विंटल हो गई थी। वहीं चार-पांच दिन से ढ़ाई से साढ़े तीन हजार क्विंटल आवक हो रही है। शनिवार को तो 3894 क्विंटल की आवक हुई। आठ से 12 फरवरी तक ऊंचे में लहुसन 30 से 34 हजार रुपये क्विंटल तक बिकी थी। इसके बाद दाम गिरना शुरू हुए और 13 से 15 फरवरी तक अधिकतम 25 हजार रुपये क्विंटल तक लहसुन बिका था। इसके बाद भी दाम गिरते जा रहे है तथा 16 फरवरी को 18 हजार रुपये क्विंटल व 17 फरवरी को 15200 रुपये हो गए। व्यापारी नीलेश बाफना ने बताया कि पुरानी लहसुन का स्टाक पूरी तरह खत्म हो गया है। प्रदेश की मंडियों में अच्छी आवक हो रही है। नई लहसुन गीली होने से इसका स्टाक करना संभव नहीं है, क्योंकि दो-चार दिन में वजन कम होने लगता है और आठ-दस दिन में खराब होने लगती है। इसलिए व्यापारी मंडी से खरीदकर हाथों-हाथों अन्य राज्यों में भेज रहे हैं क्योंकि वहां मांग बनी हुई है। मंडी में आने वाला 90 प्रतिशत लहसुन दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, बिहार व अन्य राज्यों में भेजा जा रहा है। आने वाले दिनों में दाम और कम होने की संभावना है। रतलाम से एक सप्ताह पहले हरियाणा व पंजाब दो सौ क्विटंल से अधिक लहसुन भेजा जा रहा था, लेकिन किसान आंदोलन के चलते वहां लहसुन भेजने में अब समस्या आ रही है। अब 80 से 90 क्विंटल लहसुन ही वहां भेजा जा रहा है।

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