कलेक्टर ने बैठक में बगैर सूचना के अनुपस्थित रहने पर दो एसडीएम के विरूद्ध कार्रवाई के दिये निर्देश कलेक्टर ने राजस्व महाअभियान की प्रगति की समीक्षा की।

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इंदौर जिले में राजस्व महाअभियान के क्रियान्वयन में बेहतर सुधार

राजस्व के महाअभियान को गति देकर प्रभावी बनाये- कलेक्टर  आशीष सिंह


राज्य शासन द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशानुसार राजस्व का महाअभियान प्रभावी रूप से चल रहा है। इस अभियान के अंतर्गत राजस्व प्रकरणों का तेजी से निराकरण किया जा रहा है। यह अभियान आगामी 29 फरवरी को सम्पन्न होगा। कलेक्टर आशीष सिंह ने निर्देश दिये है कि राजस्व के इस महाअभियान को गति देकर प्रभावी बनाये। लक्ष्य अनुसार सभी राजस्व प्रकरण समय-सीमा में निराकृत हो। अभियान के तहत प्रकरणों के निराकरण में लापरवाही और उदासीनता बरतने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी।

कलेक्टर आशीष सिंह ने आज यहां कलेक्टर कार्यालय में राजस्व महाअभियान की प्रगति की समीक्षा की। कलेक्टर सीमांकन, विवादित/अविवादित बटवारा, विवादित/अविवादित नामांतरण, नक्शा तरमीम, ई केवायसी आदि राजस्व प्रकरणों के निराकरण की तहसीलवार प्रगति की समीक्षा की। बैठक में अपर कलेक्टर श्रीमती सपना लोवंशी तथा रोशन राय सहित एसडीएम, तहसीलदार, नायाब तहसीलदार सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। बैठक में बताया गया कि अभियान के तहत राजस्व प्रकरणों के निराकरण में तेजी आयी है। राज्य स्तरीय रैकिंग में बेहतर सुधार हुआ है। गत सप्ताह जिले की रैकिंग 42 थी, जो इस सप्ताह 36 हो गई है। कलेक्टर ने निर्देश दिये कि प्रकरणों को तेज गति से निराकृत किया जाये। अभियान के तहत लापरवाही एवं उदासीनता बर्दाश्त नहीं कि जायेगी। लापरवाही एवं उदासीनता बरतने पर संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा है कि अभियान को गति देवे और प्रभावी रूप से सम्पन्न करें। बैठक में बगैर सूचना के अनुपस्थित रहने पर सांवेर और राऊ के एसडीएम को कारण बताओ सूचना पत्र जारी करने के साथ ही एक दिन का वेतन काटने और अन्य कार्रवाई करने के निर्देश भी दिये। उन्होंने कहा कि राजस्व प्रकरणों का समय-सीमा में  निराकरण हो,कोई भी नागरिक परेशान नहीं होना चाहिये। गेँहू के ई पंजीयन के साथ ई केवायसी की व्यवस्था भी की जाय। उन्होंने राजस्व बकाया वसूली के कार्य को भी गति देने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि बड़े बकायदारों से वसूली के लिये कुर्की की जाये। बैठक में उन्होंने अन्य राजस्व प्रकरणों के निराकरण की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि समय-सीमा के भीतर हर हाल में राजस्व प्रकरण निराकृत हो। तीन माह से अधिक के कोई भी प्रकरण लंबित नहीं रहना चाहिए।

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