मण्डला(मवई)----बुढ़मेऱ नदी के किनारे बसे होने के बाद भी नएगवां के खेरमाई टोला के बैगा परिवार हमेसा जल संकट से जूझते रहते हैं! जल संकट सबसे ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों में होता है! पानी की यह समस्या अब दिन-ब-दिन विकराल रूप लेते जा रही है सबसे ज्यादा खराब स्थिति तब बन जाती है जब बरसात खत्म होते ही गर्मी के दिन शुरू होते हैं!
नएगवां ग्राम पंचायत नंदराम का पोषक ग्राम है जो जनपद पंचायत मवई के अंतर्गत है पिछले चार-पांच वर्षों से लगातार यहां पर जल संकट है यहां के बैगा परिवार पीने के पानी के लिए लंबी दूरी तय करके झिरिया एवं कुए से पानी लेकर आते हैं जबकि नंदराम पंचायत में नल जल परियोजना संचालित है कई लाखों रुपए की लागत से पाइपलाइन एवं पानी की टंकी बनाई गई है परंतु किसी न किसी कारण से सब बंद पड़ा हुआ है ऐसे में बैगा परिवारों को पेयजल की समस्या के लिए जहोजहद करनी पड़ रही है नल जल संचालित है मगर पानी कहां से आएगा इसका जवाब भविष्य के गर्भ में छिपा हुआ है! यह स्थिति यहाँ पिछले कई वर्षों से बनी हुई है!बैगा जनजाति यहाँ पर नदी नाले झिरिया एवं कुओं के पानी पर निर्भर हैं! परंतु प्रशासन आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया जिसके चलते लोगों को पानी के लिए यहां वहां भटकना पड़ता है! जल संकट से निजात पाने अब तक कोई ऐसे प्रयास नहीं हुई जिससे बैगा परिवारों की प्यास बुझ सके! इससे जनजातीय परिवारों में आक्रोश है एवं विरोध प्रदर्शन की स्थिति बन रही है! ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधि प्रशासनिक अधिकारी समझाइस तो देते हैं पर ध्यान कोई नहीं देता जबकि केंद्र सरकार के द्वारा चलाई जा रही पी एम जन मन योजना के तहत जनजातीय समुदाय को मुख्य धारा में लाकर खड़ा करना है इस योजना के तहत सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल, बेहतर स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा पोषण सड़क एवं स्थाई आजीविका के अवसर शामिल है!
इनका कहना है :-
श्यामलेश बैगा -----हमने कई बार ग्राम पंचायत के सरपंच श्रीमति भागवती छांटा एवं सचिव नारायण बघेल से इस विषय में शिकायत कर चुके हैं मगर आज तक उन्होंने आश्वासन ही दिया है किया कुछ नहीं!
नर्बद बैगा -----सरपंच के द्वारा स्पस्ट कह दिया जाता है की पंचायत में राशि ही नहीं है मै कहाँ से पैसा लाऊ तुम कहीं का पानी पियो इसमें हम क्या कर सकते हैं.