विद्यासागर जी महाराज का ब्रह्मलीन होना देश की लिए अपूर्णीय क्षतिः पीएम मोदी आचार्य श्री को राजनैतिक जगत की तमाम हस्तियों ने किया याद

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आचार्य श्री को राजनैतिक जगत की तमाम हस्तियों ने किया याद

 नई दिल्ली (एजेंसी )। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि आचार्य विद्यासागर जी महाराज का ब्रह्मलीन होना देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है, लोगों में आध्यात्मिक जागृति के लिए उनके बहूमूल्य प्रयास सदैव स्मरण किए जाएंगे।


पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया कि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज का ब्रह्मलीन होना देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। लोगों में आध्यात्मिक जागृति के लिए उनके बहुमूल्य प्रयास सदैव याद किए जाएंगे। वे जीवनपर्यंत गरीबी उन्मूलन के साथ-साथ समाज में स्वास्थ्य और शिक्षा को बढ़ावा देने में जुटे रहे। यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे निरंतर उनका आशीर्वाद मिलता रहा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले वर्ष छत्तीसगढ़ के चंद्रगिरी जैन मंदिर में उनसे हुई भेंट उनके लिए अविस्मरणीय रहेगी। तब आचार्य जी से उन्हें भरपूर स्नेह और आशीष प्राप्त हुआ था।
मानवता के सच्चे उपासक आचार्य: शाह महान संत परमपूज्य आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जैसे महापुरुष का ब्रह्मलीन होना, देश और समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने अपनी अंतिम साँस तक सिर्फ मानवता के कल्याण को प्राथमिकता दी। मैं अपने आप को सौभाग्यशाली मानता हूँ कि उस युगमनीषी का मुझे सान्निध्य, स्नेह और आशीर्वाद मिलता रहा। मानवता के सच्चे उपासक आचार्य विद्यासागर जी महाराज का जाना मेरे लिए एक व्यक्तिगत क्षति है। वे सृष्टि के हित और हर व्यक्ति के कल्याण के अपने संकल्प के प्रति निःस्वार्थ भाव से संकल्पित रहे। आचार्य विद्यासागर जी महाराज का जीवन युगों-युगों तक ध्रुवतारे के समान भावी पीढ़ियों का पथ प्रदर्शित करता रहेगा। मैं उनके सभी अनुयायियों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूँ। विद्याधर जी ज्ञान, त्याग, तपस्या के सागर : कमलनाथ
पूज्य संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के संल्लेखना पूर्वक समाधि लेने की खबर न सिर्फ जैन समाज के लिए बल्कि समूचे भारत और विश्व के लिए अपूरणीय क्षति है। ब्रह्मलीन आचार्य श्री विद्याधर जी महाराज ज्ञान, त्याग, तपस्या और तपोबल का सागर रहे हैं। भारत भूमि ऐसे अलौकिक संत के दर्शन, प्रेरणा, आशीष, स्पर्श और करूणा से धन्य हुई है। मैं आचार्य श्री विद्यासागर जी को भावपूर्ण प्रणाम करता हूँ।
उनके आदर्श व विचार सदैव मार्गदर्शन देते : सचिन पायलट पूज्य संत शिरोमणि जैन आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का ब्रह्मलीन होना न सिर्फ जैन समाज बल्कि देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज मानवता, करुणा एवं त्याग की प्रतिमूर्ति रहे हैं। उनके आदर्श व विचार सदैव सभी का मार्गदर्शन करते रहेंगे। उनका जान दुनिया के लिए बड़ा नुकसान: श्रीवास बीवी सबसे बड़े संत, शिरोमणि 108 आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ में देर रात समाधि मरण ब्रह्मलीन होने की खबर न सिर्फ जैन समाज के लिए बल्कि देश और दुनिया के लिए एक बड़ा नुकसान है। कर्नाटक के बेलगाम में जन्मे विद्याधर का इस दुनिया के चलते फिरते भगवान तक का सफर, समाज के लिए किए गए कार्य, उनका त्याग, तपस्या और तपोबल हमेशा हमारे बीच शाश्वत रखेगा। जय जय गुरुदेव
उनकी चेतना-अनुभूति मन-हृदय में अमर रहेगी : अखिलेश समस्त जैन समाज के साथ-साथ सम्पूर्ण विश्व को सत्य-अहिंसा का मार्ग दिखाकर आत्मिक बोध की ओर ले जानेवाले युग दृष्टा आचार्य प्रवर श्री विद्यासागर जी महामुनिराज जी के ब्रह्मलीन होने पर कोटि-कोटि वंदन! उनकी चेतना-अनुभूति हमारे मन-हृदय में अनंत-अमर रहेगी।
उनका जीवन एवं दर्शन हर पीढ़ी के लिए प्रेरणा : सीएम सरमा संत शिरोमणि आचार्य श्री 108 विद्यासागर महाराज का ब्रह्मलीन होना जैन समाज के साथ-साथ संपूर्ण राष्ट्र के लिए अपूरणीय क्षति है। मानव कल्याण, आध्यात्मिक जागृति और सामाजिक सद्भावना के प्रति समर्पित उनका जीवन एवं दर्शन हर पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत बना रहेगा। ब्रह्मलीन आचार्य श्री के चरणों में सादर नमन अर्पित करता हूँ।
उनके संदेश सदा हमें प्रेरित करते रहेंगे : नकुलनाथ अपने तप और ज्ञान के लिए प्रख्यात दिगम्बर जैन आचार्य पूज्य संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की समाधि संलेखना का समाचार अत्यंत दुःखद है। उनके संदेश सदा हमें प्रेरित करते रहेंगे।सम्पूर्ण विश्व के लिए अपूर्णीय क्षति है।
उनका मुझे भरपूर आशीर्वाद मिला: शिवराज राष्ट्र संत आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का समाधिपूर्वक निधन का समाचार सम्पूर्ण जगत को स्तब्ध और निशब्द करने वाला है। मेरे जीवन में आचार्य श्री का गहरा प्रभाव रहा, उनके जीवन का अधिकतर समय मध्यप्रदेश की भूमि में गुजरा और उनका मुझे भरपूर आशीर्वाद मिला।
उनका तपस्यापूर्ण जीवन हमारे लिए पथप्रदर्शक : टीएससिंह देव संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की छत्तीसगढ़ के चंद्रगिरी तीर्थ, डोंगरगढ़ में सल्लेखना पूर्वक समाधि का समाचार समस्त जैन समाज के साथ पूरे देश और विश्व के लिए एक अपूरणीय क्षति है। आचार्य जी की शिक्षा, ज्ञान और मानव कल्याण की भावना को शत शत नमन। उनका तपस्या पूर्ण जीवन हम सभी का सदैव पथप्रदर्शक बना रहेगा।
तप, ज्ञान, संयम, आराधना की प्रतिमूर्ति : भजनलाल
 संत शिरोमणि आचार्य भगवंत गुरुदेव प्रवर श्री 108 विद्यासागर महामुनिराज जी की संलेखना पूर्वक समाधि का समाचार अत्यंत दुःखद व पीड़ादायक है। पूज्य आचार्य भगवंत जी तप, ज्ञान, संयम, आराधना और करुणा की प्रतिमूर्ति थे। पूज्य आचार्य भगवंत जी के श्रीचरणों में कोटि-कोटि नमन।
संपूर्ण समाज के लिए अपूरणीय क्षति : योगी
जैन पंथ के पूज्य संत, आध्यात्मिक गुरु, आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज का ब्रह्मलीन होना आध्यात्मिक जगत एवं संपूर्ण समाज के लिए अपूरणीय क्षति है।
उनकी त्याग और तपस्या को युगों तक याद किया जाएगा: विष्णुदेव साय
राष्ट्र संत आचार्य श्री विद्यासागर महामुनिराज जी के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी तीर्थ में सल्लेखना पूर्वक समाधि का समाचार प्राप्त हुआ। छत्तीसगढ़ सहित देश-दुनिया को अपने ओजस्वी ज्ञान से पल्लवित करने वाले आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज को देश व समाज के लिए किए गए उल्लेखनीय कार्य, उनके त्याग और तपस्या के लिए युगों-युगों तक स्मरण किया जाएगा।
ज्ञान, त्याग, तप और संयम की प्रतिमूर्ति: वसुंधरा राजे पूजनीय संत शिरोमणि जैन आचार्य विद्यासागर जी महाराज की संलेखनापूर्वक समाधि का समाचार सुन गहरा आघात हुआ है। ब्रह्मलीन आचार्य महाराज ज्ञान, त्याग, तप और संयम की प्रतिमूर्ति थे और उनका देवलोकगमन जैन समाज सहित पूरे देश के लिए अपूर्णीय क्षति है।
ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दे: खटटर विश्व प्रसिद्ध जैन मुनि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के ब्रह्मलीन होने का दु:खद समाचार प्राप्त हुआ। देश भर के जैन समाज और आचार्य श्री के भक्तों के साथ मेरी गहरी संवेदना है।
तपस्या और तपोबल का सागर रहे : अरुण यादव
पूज्य संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के संल्लेखना पूर्वक समाधि लेने की खबर न सिर्फ जैन समाज के लिए बल्कि समूचे भारत और विश्व के लिए अपूरणीय क्षति है। ब्रह्मलीन आचार्य श्री विद्याधर जी महाराज ज्ञान, त्याग, तपस्या और तपोबल का सागर रहे हैं।
वे ईश्वर रूपी संत: दिग्विजय संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की रात्रि 2:35 बजे चंद्रागिरी तीर्थ डोंगरगढ़ में समाधि हो गई है। वे ईश्वर रूपी संत थे।
उनका योगदान अविस्मरणीय : नडडा
आज संत शिरोमणि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के ब्रह्मलीन होने पर समस्त भाजपा पदाधिकारियों के साथ श्रद्धांजलि अर्पित कर नमन किया। हमारे महान आध्यात्मिक विरासत एवं सांस्कृतिक मूल्यों को जन-जन में सृजित करने में उनका योगदान अविस्मरणीय है।

उनकी तपस्या और तपोबल हमारे लिए प्रेरणादायी रहेगा : खरगे परमपूज्य संत शिरोमणि 108 आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का समाधि द्वारा ब्रम्हलीन होने का समाचार प्राप्त हुआ। मानवता, समाज कल्याण व चेतना जागृति में उनका योगदान, व उनका अप्रतिम त्याग, तपस्या और तपोबल हमारे लिए हमेशा प्रेरणादायी रहेगा।

सत्य-अहिंसा का मार्ग दिखाया: चिराग पासवान
समस्त जैन समाज के साथ-साथ सम्पूर्ण विश्व को सत्य-अहिंसा का मार्ग दिखाकर आत्मिक बोध की ओर ले जानेवाले युग दृष्टा आचार्य प्रवर श्री विद्यासागर जी महराज के ब्रह्मलीन होने पर उन्हें नमन। 

मेरी व्यक्तिगत क्षति: जीतू पटवारी
आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज जी का ब्रह्मलीन होना मेरी व्यक्तिगत क्षति है! यह मेरे लिए सौभाग्य का परम् विषय भी है कि शिक्षा के सर्वांगीण विकास के लिए पूज्यश्री का प्रत्यक्ष मार्गदर्शन भी मुझे प्राप्त हुआ! 
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