भारतीयों के फेफड़े को कमजोर कर गया कोराना, एक अध्ययन में हुआ खुलासा

EDITIOR - 7024404888

नई दिल्ली (एजेंसी )। कोरोना ने भारतीय लोगों के फेफड़ों को काफी कमजोर किया है। एक अध्ययन से पता चला है कि कोविड-19 के कारण फेफड़े कमजोर हुए हैं। यूरोपीय और चीन के लोगों की तुलना में भारतीय लोगों के फेफड़ों को ज्यादा नुकसान पहुंचा है। अध्ययन से पता चला हैं कि कुछ लोग एक साल में इससे ठीक हो सकते हैं लेकिन अन्य लोगों को जिंदगीभर कमजोर फेफड़ों के साथ ही जीना होगा। अध्ययन में 207 लोगों के फेफड़ों पर परीक्षण किया गया। जिन रोगियों को हल्के या मध्यम और गंभीर कोविड हुआ था, उनके पूर्ण फेफड़ों की जांच की गई।

सबसे ज्यादा संवेदनशील फेफड़े का टेस्ट किया गया। इस गैस ट्रांसफर कहा जाता है। इसके जरिए हवा से ऑक्सीजन लेने की क्षमता को मापा जाता है। जांच में पाया गया कि 44 फीसदी लोगों के फेफड़ों को नुकसान हुआ था। डॉक्टरों के अनुसार इस काफी चिंताजनक बताया गया है। 35 प्रतिशत रोगियों में थोड़ा कम फेफड़ों को नुकसान पहुंचा था। 35 प्रतिशत लोगों में फेफड़े सिकुड़ने की समस्या थी। जिससे हवा भरते समय उनके फेफड़े पूरी तरह से फूल नहीं पाएंगे। 8.3 प्रतिशत लोगों में हवा के रास्ते बंद होने की समस्या पाई गई, जिससे हवा का फेफड़ों में आना-जाना मुश्किल हो जाएगा। लाइफ टेस्ट संबंधी परीक्षणों से भी नकारात्मक प्रभाव का पता चला।

अध्ययन में पता चला हैं कि हर मामले में, भारतीय रोगियों का प्रदर्शन चीनी और यूरोपीय रोगियों से कमजोर रहा। इसके अलावा, चीनी और यूरोपीय लोगों की तुलना में शूगर और हाइपरटेंशन से जूझ रहे भारतीय लोगों की संख्या ज्यादा थी।

पल्मोनोलॉजी डॉक्टर, सलिल बेंद्रे ने बताया कि गंभीर स्थिति में भर्ती होने के बाद ऑक्सीजन सपोर्ट और स्टेरॉयड ट्रीटमेंट के बाद मरीज ठीक हो जाता है। लेकिन अगर इंफेक्शन बढ़ जाए तब यह बीमारी 95 प्रतिशत तक फेफड़े को नुकसान पहुंचा देता। जिसके कारण फेफड़े 4-5 प्रतिशत तक यह कमजोर हो जाते हैं। इस कारण कई भारतीयों के फेफड़े को ज्यादा नुकसान हुआ है। इसकारण उन्हें अपनी सारी जिदंगी इन कमजोर हो चुके फेंफड़े के सहारा ही जिदंगी जीना होगा। इस सर्वें से साफ हुआ हैं कि भारतीयों में मधुमेह और हाइपरटेंशन की परेशानी ज्यादा सामने आई।

Tags
Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !