बैतूल अवैध रेत उत्खनन के विरूद्ध |
बैतूल (अभय वाणी ) अवैध रेत उत्खनन के चार प्रकरणों में बैतूल एडीएम न्यायालय द्वारा एक अरब 37 करोड़ के अर्थदंड की शस्ति से दंडित किया गया है। इसके अलावा एक करोड़ 25 लाख की 2 पोकलैंड और एक जेसीबी को भी राजसात करने के निर्देश दिए गए है। न्यायालय के निर्देशानुसार यदि 7 दिन में यह राशि जमा नहीं की जाती है, तो रेत माफियाओं की चल-अचल संपत्ति कुर्क कर राशि वसूल की जाएगी। कार्रवाई में खनिज विभाग द्वारा अंकुर राठौर, अरशद कुरैशी, साबू, महेन्द्र धाकड़, दीपेश पटेल, रवीन्द्र चौहान एवं मो.इलियास के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किए गए थे।
उल्लेखनीय है कि कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी द्वारा 14 व 15 मई 2024 की रात्रि अवैध रेत उत्खनन के विरूद्ध कार्रवाई की गई थी।
कलेक्टर श्री सूर्यवंशी ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के निर्देश के अनुक्रम में रेत माफियाओं के विरूद्ध अवैध उत्खनन एवं शासकीय संपत्ति के नुकसान को रोकने के लिए जिला प्रशासन, पुलिस अधीक्षक श्री निश्चल झारिया ने पुलिस बल एवं खनिज विभाग द्वारा संयुक्त टीम बनाकर कार्रवाई की गई थी।
4 प्रकरणों में 7 अपराधी
एडीएम श्री राजीव नंदन श्रीवास्तव द्वारा 4 प्रकरणों में 7 व्यक्तियों के खिलाफ एक अरब 38 करोड़ 21 लाख रुपए की वसूली के आदेश दिए गए है। सात दिन में इनके द्वारा राशि जमा नहीं कराने पर रेत माफियाओं की चल अचल संपत्ति की कुर्की से शेष राशि की वसूली की जाएगी।
शाहपुर निवासी अंकुर उर्फ रिंकू राठौर एवं अरशद कुरैशी के विरुद्ध ग्राम गुरगुंदा में एक और डेन्डूपुरा में 2 प्रकरण दर्ज किए गए है। इनमें गुरगुंदा में 53 करोड़ 10 लाख 60 हजार मूल्य की 70808 घनमीटर रेत उत्खनन एवं 60 लाख रुपए की पोकलैंड राजसात के निर्देश दिए गए है।
ग्राम डेंडूपुरा में 82 करोड़ 95 लाख 75 हजार की 110, 610 घन मीटर उत्खनित रेत एवं 25 लाख की जेसीबी राजसात के निर्देश दिए गए है। एक अन्य तीसरे प्रकरण में डेन्डूपुरा में ही अंकुर उर्फ रिंकू राठौर, अरशद कुरैशी एवं डेंडू पुरा निवासी साबू के विरुद्ध 52 लाख 50 हजार रुपए की 700 घनमीटर रेत उत्खनित करने, चौथे प्रकरण में धासईमाल में मांडवी निवासी महेन्द्र धाकड़, भोपाल निवासी दीपेश पटेल और रविंद्र चौहान तथा सारणी निवासी मो.इलियास के विरूद्ध 18 लाख 90 हजार की 952 घन मीटर रेत उत्खनन एवं 40 लाख रुपए की पोकलैंड राजसात के निर्देश दिए है।
खनिज अधिकारी श्री मनीष पालेवार ने बताया कि तीन प्रकरणों में पुलिस थाना शाहपुर एवं चोपना में प्राथमिकी अवैध उत्खननकर्ताओं के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता 1890 की धारा 379 एवं सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1980 की धारा 3 के तहत अपराध भी दर्ज करवाया गया है। चूंकि अपर कलेक्टर न्यायालय द्वारा खनिज नियमों के तहत शास्ति आरोपित करना और प्राथमिकी (एफआईआर) में दर्ज श्रेणी के अपराध के सक्षम न्यायालय में सुनवाई करना दोनों अलग-अलग प्रक्रिया व अधिकारिता है, ऐसी स्थिति में अपर कलेक्टर न्यायालय द्वारा प्रकरण में शास्ति आरोपित करने से पुलिस की जांच या अन्य न्यायालय की कार्यवाही प्रभावित नहीं होगी।