मंत्री जी ने किया इस गौशाला का उद्घाटन उसे गौशाला में गौ माता की जगह पड़ा विचरण कर रहे हैं गौशाला निर्माण में लाखों का खर्चा फिर भी गोवंश की स्थिति बदहाल लंबे समय से बंद पड़ी कामधेनु गौशाला, चालू होने से पहले ही होने लगी क्षतिग्रस्त

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मंत्री जी ने किया इस गौशाला का उद्घाटन   उसे गौशाला में गौ माता की जगह पड़ा विचरण कर रहे हैं  गौशाला निर्माण में लाखों का खर्चा फिर भी गोवंश की स्थिति बदहाल    लंबे समय से बंद पड़ी कामधेनु गौशाला, चालू होने से पहले ही होने लगी क्षतिग्रस्त
गाडरवाराशासन द्वारा गोवंश के उचित रख रखाव और उनके अवैध परिवहन और व्यापार को लेकर लगातार चिंतित नजर आ रही है इसके उलट नरसिंहपुर जनपद पंचायत चीचली के अंतर्गत ग्राम पंचायत इमलिया कल्याणपुर में लाखों रुपए की लागत से निर्मात मुख्यमंत्री कामधेनु गौशाला लंबे समय से बनकर तैयार है किंतु उसे प्रारंभ नहीं किया गया है जबकि इस क्षेत्र में कई आवारा गोवंश भरी बरसात व मौसम की मार से बदहाल अवस्था में क्षेत्र की सड़कों पर और किसानों के खेत में घूमते नजर आते हैं ऐसा में यह बड़ा सवाल है कि आखिरी जब शासन प्रशासन द्वारा लाखों रुपए खर्च कर गोवंशों के लिए उचित व्यवस्थापन की व्यवस्था को पूरा करने के लिए गोवंशों के लिए कार्य कर रही है तब चीचली जनपद की ग्राम पंचायत इमलिया कल्याणपुर में निर्मित यह गौशाला आखिर प्रारंभ होने के पहले किसके आदेशों का इंतजार कर रही है। चालू होने से पहले ही पंचायत  में लाखों रुपए की राशि से बनी गौशाला क्षतिग्रस्त होने लगी है। 


23 एकड़ भूमि पर दबंगों का कब्जा जनसुनवाई में मामला


जहां एक तरफ गौशाला बंद पड़ी है वही गौशाला के विकास और चारा की 23 एकड़ भूमि पर स्थानीय दबंगों का कवजा कर रखा है जिस पर निजी स्वार्थ और लोग मुनाफा कमा रहे हैं। जिसको लेकर ग्राम पंचायत इमलिया कल्याणपुर के वार्ड क्रमांक 7 के पच जगमोहन कौरव ने कलेक्टर महोदय के समक्ष जनसुनवाई में आवेदन प्रस्तुत किया है। कि ग्राम पंचायत इमलिया में 38 लाख रुपए की लागत से शासन द्वारा कामधेनु गौशाला का निर्माण कराया गया है। जिसमें गायों के चलवाई के लिए 23 एकड़ जमीन है। जिसको क्षेत्र के दबंग लोगो द्वारा कब्जा कर रखा है। श्री कौरव का कहना है कि पंचायत में बनी लाखों की लागत से कामधेनु गौशाला को तत्काल चालू किया जाए एवं जो 23 एकड़ भूमि पर दबंगों का कब्जा है उसे खाली कराया जाए जिससे कि आवारा घूमने वाले  गौवंश को सुरक्षित रखा जा सके और किसानों को गौवंश से होने वाली हानी को रोका जा सके।

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