बच्चों के शरीर से परजीवियों की मुक्ति के लिए डी-वार्मिंग किया जाएगा राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के बाद 13 को मॉप-अप

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बालाघाट  /  डी-वॉर्मिंग एक ऐसी प्रक्रिया हैजिसमें कृमिनाशक दवा देकर पेट या आतों में पाए जाने वाले कीड़ों को मुक्त किया जाता है। इसमें एल्बेंडाजोल की एक गोली देकर के बच्‍चों के शरीर में मौजूद ग्लूकोज और ऊर्जा से वर्मियों को वंचित किया जाता है। यानी बच्चों के शरीर में पनपने वाले टेपवॉर्मराउंडवॉर्म और फ्लूक्स् जैसे कीट को एल्बेंडाजोल की एक ही गोली से मार दिया जाता है। भारत सरकार के निर्देशानुसार फिक्स डे अंतर्गत मास डिवॉर्मिंग के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए पूरे प्रदेश में  आज 10 सितम्बर को 'राष्ट्रीय कृमिमुक्ति दिवस तथा 13 सितम्बर 2024 को 'मॉप अप दिवस का आयोजन किया जाना है। इस अभियान के अंतर्गत शासकीय/शासकीय अनुदान प्राप्त शालाओंआदिवासी आश्रम शालाओंप्रायवेट/प्रायवेट अनुदान प्राप्त शालाओंकेन्द्र शासित शालाओंमदरसोंस्थानीय निकाय की शालाओंआंगनवाड़ी केन्द्रों तथा किशोर न्याय अधिनियम 2015 अंतर्गत संचालित चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूट में 1 से 19 वर्षीय समस्त बच्चों एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों में 20 से 49 वर्ष की प्रजनन आयुवर्ग की महिलायें जो कि गर्भवती एवं धात्री नहीं है (डब्ल्यूआरए) में कृमिनाशन किया जायेगा। जिससे समस्त आयु वर्गों में मिट्टी जनित कृमि संक्रमण की रोकथाम सुनिश्चित की जा सके। कार्यक्रम का निष्पादन स्कूल शिक्षा विभागआदिम जाति कल्याण विभाग व महिला बाल विकास विभाग द्वारा संयुक्त रूप से किया जावेगाजिसमें डोनर पार्टर संत्चा-एविडेन्स एक्शनयूनिसेफ एवं न्यूट्रिशन इन्टरनेशनल सहयोगी एजेन्सी रहेंगे।


एल्बेंडाजोल गोली का सेवन इस तरह कराया जाएगा


राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निर्देश है बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोली साफ पानी मे चुरा करके घोलकर पिलायी जाना चाहिए। जिसमें 1 से 2 वर्ष की आयु वर्ग के लिए 400 मि.ग्रा की आधी गोली साफ पीने के पानी मे घोलकर2 से 3 वर्ष के बच्चों के लिए 400 मि.ग्रा की पूरी गोली तथा 3 से 19 वर्ष एवं 20 से 49 वर्ष की महिलाएं जो कि गर्भवती व धात्री नही है को 400 मि.ग्रा की पूरी गोली चबाकर पीने के साफ पानी के साथ सेवन करना चाहिए।


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