बालाघाट, स्वच्छता सेवा अभियान के तहत, जिले की 5 नगरीय निकायों ने नगर के 50 प्रमुख ब्लैक स्पॉट्स को साफ करने की चुनौती ली है। खास बात यह है कि वारासिवनी नगर पालिका ने 9 स्थानों को सफलतापूर्वक ब्लैक स्पॉट से व्हाइट स्पॉट में बदल दिया है। ये ऐसे क्षेत्र थे, जहां नियमित सफाई के बावजूद बार-बार कचरा फेंका जाता था, लेकिन स्वच्छता सेवा अभियान की मदद से इन स्थानों को अब पूरी तरह से स्वच्छ बना दिया गया है।
वारासिवनी की मुख्य नगर पालिका अधिकारी (सीएमओ) दिशा डेहरिया के नेतृत्व में सफाई कर्मियों की कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता ने इस मुश्किल काम को आसान बना दिया। अब नगर पालिका की योजना है कि शहर के अन्य क्षेत्रों को भी इस अभियान के तहत पूरी तरह से साफ किया जाए।
स्वच्छ हुए प्रमुख स्थान:
- कबीर कुटी
- डोंगरे सायकल दुकान के पास
- सिविल कोर्ट के पास
- दुर्गा मंदिर के पास
- गुरुनानक धर्मशाला के पास
- सिविल अस्पताल के पास
- पुराना FCI गोदाम के पास
इन सभी स्थानों को साफ करने के बाद, नगर पालिका ने अब नियमित सफाई व्यवस्था लागू की है। इन क्षेत्रों में दिन में दो बार सफाई की जा रही है ताकि पुनः कचरा जमा न हो।
अन्य नगरीय निकायों की पहल
बालाघाट, लांजी, कटंगी, बैहर और मलाझखण्ड की नगरीय निकायों ने भी इस स्वच्छता सेवा अभियान में सक्रिय भूमिका निभाई है। इन क्षेत्रों में कुल 50 ब्लैक स्पॉट्स की पहचान की गई है, जिन्हें सफाई कर व्हाइट स्पॉट्स में बदलने का लक्ष्य रखा गया है।
स्थानों का चयन:
- बालाघाट: 20 स्थान
- कटंगी और लांजी: 6-6 स्थान
- बैहर: 5 स्थान
- मलाझखण्ड: 13 स्थान
सभी स्थानों की सफाई और सुधार का दायित्व सम्बंधित पार्षदों ने लिया है, और वे पूरी जिम्मेदारी से इन क्षेत्रों को स्वच्छ बना रहे हैं। यह अभियान न केवल शहरों को स्वच्छ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि जनता को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने का भी प्रयास है।
निष्कर्ष
स्वच्छता सेवा अभियान के अंतर्गत, जिले की नगरीय निकायों का यह प्रयास सराहनीय है। वारासिवनी नगर पालिका और अन्य नगरीय निकायों ने शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने की जो मुहिम शुरू की है, वह अन्य नगरों के लिए प्रेरणास्रोत साबित हो सकती है। उम्मीद की जा रही है कि इस तरह के प्रयासों से शहरों में गंदगी की समस्या का स्थायी समाधान मिलेगा और स्वच्छता के प्रति नागरिकों की जिम्मेदारी बढ़ेगी।