- कलेक्टर ने शिक्षा विभाग की योजनाओं की समीक्षा की
- डीपीसी को छत्तीसगढ़ में पंजीयन कराने वाले छात्रों की जानकारी प्रस्तुत करने के निर्देश
- 95% से कम प्रवेश वाली स्कूलों की एक सप्ताह बाद पुनः समीक्षा
- अनुकंपा नियुक्ति के लंबित प्रकरणों पर अलग से शिविर लगाने के निर्देश
- जर्जर भवनों में स्कूल संचालन पर रोक, अन्य भवन में शिफ्ट करने की प्राथमिकता
बालाघाट कलेक्टर श्री मृणाल मीना ने गुरुवार को शिक्षा विभाग और सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत चल रही प्रक्रिया और योजना की समीक्षा की। बैठक में कक्षा 1 से 8 तक के नामांकन के सम्बन्ध में बीआरसी से जानकारी प्राप्त की गई। एक बीआरसी द्वारा बताया गया कि कुछ विद्यार्थी ऐसे है जो छत्तीसगढ़ में प्रवेश ले लेते हैं। जो अपने रिस्तेदारों में साथ कुछ समय मप्र में रहते है और छत्तीसगढ़ में प्रवेश ले रहे है। कलेक्टर श्री मीना ने बीआरसी के जवाब में स्पष्ठता न पाते हुए डीपीसी डॉ. महेश शर्मा को पूरे मामले की पूर्ण जानकारी निकाल कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है। वहीं उन्होंने ने 95 प्रतिशत से कम तथा जीरो प्रवेश वाली स्कूलों की समीक्षा एक सप्ताह बाद पुनः करने को कहा है। तब तक सभी बीईओ और बीआरसी को प्रवेश में प्रगति लाएंगे। अभी भी पंजीयन की स्थिति ठीक नही होने पर नाराजगी भी व्यक्त की। बैठक में जटाशंकर महाविद्यालय के प्राचार्य श्री पीआर चन्देलकर, शिक्षा अधिकारी श्री एके उपाध्याय व समस्त बीईओ व बीआरसी उपस्थित रहे।
अनुकंपा प्रकरणों के सम्बंध में पृथक से शिविर लगाएगा शिक्षा विभाग
कलेक्टर श्री मीना ने शिक्षा विभाग अंतर्गत संचालित योजनाओँ के सम्बंध में जानकारी ली। जिला शिक्षा अधिकारी श्री उपाध्याय ने सीएम राइज स्कूल की प्रगति रिपोर्ट, मॉडल स्कूल और कक्षा 8 से 9 वी तथा 9 वी के बाद कि छात्रवृत्ति की जानकारी प्रस्तुत की। अनुकंपा नियुक्ति के लंबित प्रकरणों के बारे में कलेक्टर श्री मीना ने अलग से शिविर लगाने के निर्देश दिए है। इस शिविर केवल अनुकंपा नियुक्ति के आवेदकों से चर्चा कर नियम और उससे सम्बधित कार्यवाही के बारे में बताए। अगर पात्र है और अपात्र है तो उसकी भी सूचना दे। बार बार जनसुनवाई में आने वाले आवेदकों को संतुष्टिपूर्वक जवाब देना आवश्यक है। डीईओ श्री उपाध्याय ने बताया कि अनुकंपा नियुक्ति के 117 आवेदन प्राप्त हुए है। जिनमें 25 प्रयोगशाला सहायक के है। जिसमें 5 पात्र व 20 लंबित है। दिसम्बर 2022 से इसकी पात्रता बदल दी गई है।
जर्जर भवनों में स्कूल संचालन नही करें
कलेक्टर श्री मीना ने जिला शिक्षा अधिकारी और डीपीसी को निर्देशित किया है कि ऐसे स्कूल एक बार पुनः जांचे। जो जर्जर भवन में संचालित हो रहें है। जर्जर भवनों में संचालन स्कूल के लिए जनपद सीईओ से समन्वय कर अन्य भवन में संचालित कराएंगे। ये अभी सर्वोच्च प्राथिमकता का कार्य है।