नरसिंहपुर। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और मध्य प्रदेश किसान सभा के प्रतिनिधि मंडल ने विद्युत विभाग के एकतरफा आदेशों के खिलाफ ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन माननीय मुख्यमंत्री मप्र शासन भोपाल के नाम अपर कलेक्टर वंदना जाट और अधीक्षण यंत्री (S.E.) विद्युत मंडल, नारसिंहपुर के नाम ए.पी. मेहरा को सौंपा गया।
ज्ञापन में कहा गया है कि मध्य प्रदेश राज्य विद्युत वितरण कंपनी ने भार सत्यापन के नाम पर किसानों के कृषि पंपों के हॉर्स पावर (एचपी) को बढ़ाकर 3 एचपी के पंप को 10 एचपी और 5 एचपी के पंप को 15 एचपी दिखाया है। इस आदेश की सूचना किसानों को एसएमएस के माध्यम से दी गई, जिसमें 15 दिनों के भीतर आपत्ति दर्ज कराने के निर्देश दिए गए।
किसानों ने इस आदेश के कारण चिंता जताई है, क्योंकि उनके पंप सही एचपी के हैं, लेकिन विभाग द्वारा बढ़े हुए भार के कारण उन्हें अधिक बिल भरने का खतरा है। इसके अलावा, विद्युत विभाग द्वारा कई स्थानों पर कम वोल्टेज की समस्या भी बनी हुई है, जिससे किसानों को पर्याप्त बिजली नहीं मिल पा रही है।
ज्ञापन में मांग की गई है कि पहले बिजली कंपनियां किसानों तक 440 वोल्ट की बिजली पहुंचाए, उसके बाद ही पंपों की जांच की जाए। इसके साथ ही किसानों के बकाया बिजली बिल और फर्जी चोरी के मामलों में जबरन वसूली पर रोक लगाकर उनके बिल माफ किए जाएं।
यदि बढ़े हुए भार के आदेश को निरस्त नहीं किया गया, तो किसान धरना, चक्का जाम और आमरण अनशन के लिए बाध्य होंगे। इस स्थिति की जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।
प्रतिनिधि मंडल में लाल साहब वर्मा, देवेंद्र वर्मा, रामसिंह वर्मा, कालूराम वर्मा, ओमप्रकाश वर्मा, और भरत शिवहरे शामिल थे।