सभा में मेहरा समाज के प्रांतीय संरक्षक डॉ. आई.पी. पारधे, इंदौर जिला अध्यक्ष प्रवीण डहरिया, मुलताई ब्लॉक अध्यक्ष हरेंद्र उपराले सहित समाज के प्रमुख सदस्यों ने भाग लिया। उपस्थित सदस्यों में तीलेश उपराले, झाड़ू पारधे, पन्नालाल बड़ोदे, बीरबल कचाहे, मेंघनंद उपराले, मोहन उपराले, रामदास झारखंडे, नारायण पंडोले, जितेंद्र झारखंडे, और भागचंद चौरासे समेत बड़ी संख्या में सामाजिक जन शामिल हुए।
सभा के दौरान वक्ताओं ने कहा कि पगड़ी प्रथा और मृत्यु भोज जैसी परंपराएं समाज पर आर्थिक बोझ डालती हैं और इनका कोई सामाजिक लाभ नहीं है। इसलिए इन कुरीतियों पर रोक लगाना जरूरी है ताकि समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सके। उन्होंने समाज के लोगों से अपील की कि वे इन प्रथाओं को खत्म करने के लिए एकजुट हों और नई पीढ़ी को इन कुरीतियों से दूर रखने में योगदान दें।
प्रांतीय संरक्षक डॉ. पारधे ने इस अवसर पर कहा कि मेहरा समाज को इन कुरीतियों से मुक्त करके एक सशक्त समाज की नींव रखनी होगी। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि समाज के सभी वर्गों को इन पुरानी परंपराओं से निकलकर प्रगतिशील समाज की ओर कदम बढ़ाने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम के अंत में दिवंगत चंद्रकला उपराले को श्रद्धांजलि अर्पित की गई और शोकाकुल परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की गईं। समाज के वरिष्ठ सदस्यों ने अपने विचार साझा करते हुए समाज में सुधार और कुरीतियों को समाप्त करने का संकल्प लिया।
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