नरसिंहपुर:
राज्य शासन के वन विभाग द्वारा वन्य प्राणियों द्वारा जनहानि, घायल होने या पशुहानि की स्थिति में मुआवजा राशि का निर्धारण किया गया है। विभाग ने क्षतिपूर्ति राशि को स्पष्ट रूप से निर्दिष्ट किया है, ताकि पीड़ित परिवारों को समय पर मदद मिल सके।
मुआवजा राशि का निर्धारण:
जनहानि (मृत्यु):
यदि किसी व्यक्ति की वन्य प्राणी द्वारा हमला करने से मृत्यु हो जाती है, तो उसके वैधानिक उत्तराधिकारी को 8 लाख रुपये की मुआवजा राशि प्रदान की जाएगी।- यदि मृत्यु व्यक्ति के घायल होने और इलाज के दौरान हुई हो, तो इलाज पर आया वास्तविक व्यय भी मुआवजे के रूप में दिया जाएगा।
स्थायी अपंगता:
यदि व्यक्ति किसी हमले से स्थायी रूप से अपंग हो जाता है, तो उसे 2 लाख रुपये की मुआवजा राशि दी जाएगी।- इलाज पर हुआ वास्तविक व्यय और अस्पताल में भर्ती रहने की अवधि के लिए अधिकतम 50,000 रुपये की सीमा तय की गई है।
चोटिल होने पर:
घायल व्यक्ति को इलाज पर हुआ वास्तविक खर्च मिलेगा।- यदि व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती किया जाता है, तो उसे भर्ती रहने की अवधि के लिए प्रतिदिन 500 रुपये की दर से सहायता दी जाएगी, जिसकी अधिकतम सीमा 50,000 रुपये होगी।
फसल और पशु हानि पर मुआवजा:
वन्य प्राणियों द्वारा फसल को नुकसान पहुंचाने पर भी क्षतिपूर्ति का प्रावधान है। इसके लिए प्रभावित किसान संबंधित तहसीलदार को आवेदन दे सकते हैं। मुआवजा राशि राजस्व पुस्तक परिपत्र के अनुसार दी जाएगी।
आवेदन प्रक्रिया:
क्षतिपूर्ति के लिए प्रभावित व्यक्ति वन विभाग या तहसीलदार कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। आवेदन के साथ आवश्यक दस्तावेज़ और जानकारी जमा करनी होगी।
यह घोषणा प्रभावित लोगों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकती है, क्योंकि इससे वन्य प्राणियों द्वारा की जाने वाली हानि के मुआवजे की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया गया है।