तहसीलदारों के प्रांतीय संगठन में दो फाड़:एक गुट ने ऑनलाइन अध्यक्ष घोषित किया, संघ अध्यक्ष ने कहा- चुनाव से होगा फैसला
भोपाल / प्रदेश में तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के राज्य स्तरीय संगठन कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी संघ (मप्र राजस्व अधिकारी संघ) में दो फाड़ हो गए हैं। तहसीलदारों के एक गुट ने चुनाव की तारीख घोषित होने के बाद भी सोशल मीडिया ग्रुप पर वोटिंग कराकर खुद को अध्यक्ष घोषित कर दिया है, जबकि पहले से काम कर रही कार्यकारिणी ने इसे अवैध बताया है। वर्तमान में काम कर रही संघ की कार्यकारिणी अध्यक्ष ने कहा है कि जिन्हें भी जिम्मेदारी संभालना है, वे 22 सितम्बर को भोपाल में होने वाले संघ के चुनाव लड़कर जीतें।
मामला तब सामने आया, जब पिछले एक महीने में जबलपुर और दतिया में तहसीलदारों के विरुद्ध हुई कार्रवाई में सोशल मीडिया पर बने ग्रुप में तहसीलदारों के गुट ने ऑनलाइन वोटिंग करा ली। तहसीलदार धर्मेंद्र सिंह चौहान को अध्यक्ष घोषित कर दिया। यही नहीं, इसके बाद इस गुट के लोगों ने पहले से काम कर रही कार्यकारिणी के लेटरपैड पर अपनी नई कार्यकारिणी का ऐलान भी कर दिया।
जब कार्यकारिणी के लेटर हेड का उपयोग हो गया, तो कमेटी ने आपत्ति की। चुनाव की तारीख एक हफ्ते पहले 22 सितम्बर तय कर दी। अब इस दिन चुनाव कराए जाने की तैयारी है।
मप्र राजस्व अधिकारी संघ बोले- स्वयंभू निर्वाचन मान्य नहीं
तहसीलदारों के निर्वाचन को लेकर पिछले दिनों जो कुछ हुआ, उसे लेकर मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी (कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा) संघ, भोपाल के कार्यालय ने संघ के अध्यक्ष की ओर से प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई है। इसमें सभी संबंधितों से कहा गया है कि मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी संघ भोपाल को यह जानकारी मिली है कि व्हाट्सएप संदेशों के माध्यम से यह भ्रामक जानकारी संज्ञान में आई है कि कुछ स्वेच्छाचारी सदस्यों के द्वारा मनमानी तरीक़े से संघ की वर्तमान गतिविधि को कमज़ोर करने का काम किया जा रहा है।
इसी उद्देश्य से उनके द्वारा नियम विरुद्ध बिना निर्वाचन स्वयं को एक पृथक संघ के अध्यक्ष के रूप में घोषित किया गया है। कहा गया है कि यह जानकारी न केवल भ्रामक है, बल्कि संघ विरोधी भी है।
संघ के बॉयलाज का पालन करना होगा
संघ के वर्तमान निर्वाचित अध्यक्ष ने कहा कि मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी संघ वर्ष 1970 से पंजीकृत सम्मानित संस्था है। बायलॉज के अनुसार वार्षिक सम्मेलन में प्रत्यक्ष निर्वाचन विधि या सर्वसम्मति से निर्वाचन का नियम है। इसके अनुसार चुनाव की तारीख 22 सितम्बर 2024 तय की गई है। इससे पहले नियमों के विपरीत चंद संघ विरोधी सदस्यों द्वारा किया गया कृत्य निंदनीय है, जिसे संघ खारिज करता है। ऐसे तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
नादान बालक लिखने से दूसरा गुट और एक्टिव
ऑनलाइन वोटिंग की जानकारी के बाद राजस्व अधिकारी संघ की ओर से सूचना पिछले दिनों जारी की गई थी। इसमें कहा गया कि कतिपय नादान बालकों द्वारा उत्साह में नियमों को दरकिनार करते हुए नवीन संघ गठन ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत खिलवाड़ किया है। जो कि अस्वीकार्य है। उनके इन कामों से यह प्रतीत होता है कि संघ की जबलपुर घटना के लिए की जा रही कार्रवाई को कमजोर कर सामने वाले की मदद करने का मात्र प्रयास है। जबलपुर की घटना के मामले में प्रमुख सचिव से भेंट कर घटना का विरोध, सामूहिक अवकाश कार्यक्रम सूचित किया जाएगा। बताया जाता है कि इस सूचना में नादान शब्द का इस्तेमाल करने के बाद विरोधी गुट और विरोध पर उतर आया है।
जबलपुर में तहसीलदार पर कार्रवाई का विरोध
संघ के अध्यक्ष गुलाब सिंह बघेल (प्रभारी डिप्टी कलेक्टर) की ओर से कहा गया है कि सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदार 18 सितम्बर को जबलपुर के गंभीर मुद्दे पर संघ द्वारा संचालित होने वाले मुहिम में अपने साथी की सुरक्षा में साथ खड़े हों। इसके बाद आगामी सम्मेलन सह निर्वाचन 22 सितम्बर को भोपाल में बढ़-चढ़ कर शामिल हों। जिन्हें भी चुनाव लड़ना है वे प्रशासन अकादमी में होने वाले चुनाव में शामिल हों और अपना संगठन बनाएं।
पहले भी की गई है कोशिश
संघ के वर्तमान निर्वाचित कार्यकारिणी सदस्यों को अनुसार इसके पहले भी दो- तीन बार इस तरह की कोशिश की जा चुकी है। संघ में जो हलचल चलती रहती है उसका फायदा उठाने की कोशिश की जाती रही है। इसीलिए फिजिकली चुनाव न कराकर ऑनलाइन में वोटिंग करा ली गई है। सीनियर तहसीलदार इसमें शामिल नहीं हैं।
बगैर सहमति के संघ की निर्वाचित कार्याकारिणी जिसका कार्यकाल पूरा नहीं हुआ है, उसका लेटर पैड हाईजैक कर लिया। पुरानी कमेटी के लेटरपैड पर कार्यकारिणी डाल दी गई है। गौरतलब है कि संघ की वर्तमान में निर्वाचित कार्यकारिणी का कार्यकाल पूरा होने में अभी कुछ समय बाकी है। संघ की कार्यकारिणी दो साल के लिए निर्वाचन के माध्यम से बनाई जाती है।
क्या है जबलपुर का मामला
जबलपुर में पिछले दिनों कलेक्ट्रेट में पदस्थ तहसीलदार हरि सिंह धुर्वे के खिलाफ एफआईआर हुई है। एसडीएम ने यहां तहसीलदार पर एफआईआर कराई है। एफआईआर के साथ तहसीलदार की गिरफ्तारी हो गई है। निजी भूमि के नामांतरण के मामले में यह कार्रवाई हुई है। इसका विरोध तहसीलदार और नायब तहसीलदार कर रहे हैं। इसके अलावा दतिया में राजस्व महाभियान को लेकर नोटिस जारी हुआ था। इसका भी संघ के द्वारा विरोध किया गया है।