प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष (PCC) चीफ जीतू पटवारी |
एमपी में गड़करी की बात पर अमल नहीं हुआ
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पटवारी ने अपने पत्र में लिखा- केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने संसद में यह कहा था कि दो टोल प्लाजा के बीच की न्यूनतम दूरी 60 किलोमीटर होनी चाहिए। यदि यह दूरी कम हो तो उनमें से एक टोल को हटाने की जिम्मेदारी सरकार की होगी।
साथ ही मंत्री जी ने यह भी आश्वासन दिया था कि, केंद्रीय मापदंडों का पालन न करने वाले सभी टोल प्लाजाओं को सरकार द्वारा तीन महीने के भीतर हटाया जाएगा। लेकिन, दुर्भाग्यवश, अब तक मध्य प्रदेश में धरातल पर ऐसा कोई ठोस कदम देखने को नहीं मिला है।
3 टोल के उदाहरण भी दिए
जीतू पटवारी ने उदाहरण देते हुए लिखा- वर्तमान में प्रदेश के तीन राष्ट्रीय राजमार्गों पर 50 किमी की दूरी में 7 टोल हैं। उदाहरणस्वरूप स्टेट हाईवे 18 (देवास-भोपाल कोरिडोर) में कई अवैध टोल हैं। नेशनल हाईवे 52 पर राजगढ़ से सोनकच्छ के बीच 56 किमी की दूरी में तीन टोल हैं। पहला टोल राजगढ़ जिला मुख्यालय से 12 किमी दूर हिरणखेड़ी में, दूसरा 30 किमी की दूरी पर कचनारिया और तीसरा 56 किमी दूर सोनकच्छ में हैं।
इसी प्रकार, नेशनल हाईवे 44 पर मेहरा और छोंदा में 2 टोल प्लाजा हैं। जिनके बीच की दूरी मात्र 41.5 किमी है। ग्वालियर बायपास पर 13.4 किमी की दूरी पर मेहरा और मुरैना में छोंदा टोल प्लाजा स्थित है। नेशनल हाईवे 46 पर व्यावरा से 12 किमी दूर जोगीपुरा में पहला टोल है, और फिर 40 किमी दूर ब्यावरा से देवास के बीच उदनखेड़ी में दूसरा टोल हैं। प्रदेशभर में इस तरह के कई अवैध टोल प्लाजा सक्रिय हैं, जो प्रदेश की जनता का आर्थिक शोषण कर रहे हैं।
कांग्रेस अवैध टोलों पर करेगी आंदोलन
पटवारी ने अपने पत्र में यह भी लिखा कि एक महीने के भीतर टोल माफिया पर नकेल कसने की दिशा में सारे अवैध टोल बंद करवाए जाएं और केंद्रीय मंत्री जी के निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाए। अन्यथा की स्थिति में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी इन अवैध टोलों पर बैठ कर आंदोलन करेगी। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप इस गंभीर मुद्दे पर शीघ्र संज्ञान लेते हुए त्वरित और महत्वपूर्ण कदम उठाएंगे, जिससे प्रदेश की आम जनता को इस अवैध वसूली से मुक्ति मिल सके।