स्वच्छता सेवा अभियान: जागरूकता से बदल सकती है शहर की तस्वीर

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स्वच्छता सेवा अभियान: जागरूकता से बदल सकती है शहर की तस्वीर

बालाघाट / मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 17 सितंबर से शुरू किए गए स्वच्छता सेवा अभियान का आज समापन हुआ। इस 15-दिवसीय अभियान ने नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता का नया वातावरण तैयार किया। कलेक्टर कार्यालय सहित अन्य कई स्थानों पर सफाई की स्थिति में सुधार देखा गया है, जिसमें सफाई कर्मियों का बड़ा योगदान रहा।

सफाई कर्मियों की अपील: आदतों में सुधार लाएं नगरपालिका के सफाईकर्मी सरवन सिंह मोगरे, जो पिछले 30 वर्षों से इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं, का कहना है कि यदि नागरिक अपनी आदतों में सुधार लाएं और जिम्मेदारी समझें तो शहर की स्वच्छता हमेशा बनी रह सकती है। उन्होंने बताया कि सफाई के बावजूद, बाजार क्षेत्रों में महज 30 मिनट से 1 घंटे के भीतर कचरा फैल जाता है। दुकानदार और घर के लोग अगर कचरे का सही तरीके से निपटान करें और गीले-सूखे कचरे को अलग रखें, तो सफाई कर्मियों का काम भी आसान हो जाएगा।

सबसे ज्यादा गंदगी सब्जी और फल बाजारों में सफाई कर्मियों का मानना है कि फल और सब्जी बाजारों में सबसे अधिक गंदगी फैलती है, क्योंकि यहां डस्टबिन की कमी है। ठेले वाले और विक्रेता भी अगर डस्टबिन का उपयोग करने लगें, तो हालात बेहतर हो सकते हैं।

तीन शिफ्टों में होती है सफाई शहर की सफाई तीन शिफ्टों में की जाती है, जिसमें सुबह से रात तक सफाईकर्मी अपने काम में लगे रहते हैं। आकाश भारद्वाज, नगर पालिका के कार्यालय सहायक, बताते हैं कि डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण के लिए 150 सफाई कर्मी और सार्वजनिक स्थानों पर सफाई के लिए 105 सफाई कर्मी तैनात हैं, जो शहर को स्वच्छ रखने में दिन-रात जुटे रहते हैं।

शहरवासियों से अपील सफाई कर्मियों और नगरपालिका प्रशासन ने शहरवासियों से अपील की है कि वे गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग करें, डस्टबिन का उपयोग करें, और सफाई कर्मियों के काम में सहयोग दें। यदि सभी नगरवासी इस दिशा में जागरूक हो जाएं, तो बालाघाट एक स्वच्छ और सुंदर शहर बन सकता है।

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