हैहयवंशीय वीरांगना मानवती बाई का बलिदान दिवस श्रद्धापूर्वक मनाया गया

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abhaywani
बालाघाट – 30 सितंबर 2024 को बालाघाट के मोतीनगर में हैहयवंशीय ताम्रकार-कसार-कसेरा समाज द्वारा वीरांगना मानवती बाई का बलिदान दिवस समारोहपूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर समाज के गणमान्य नागरिकों ने तिलक और पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। वीरांगना मानवती बाई ने झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की सेना में मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी।

समारोह में राकेश वर्मा (ताम्रकार) ने जानकारी दी कि मानवती बाई के पति, खुमान सिंह, मातृभूमि की रक्षा के लिए युद्ध करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे। उनकी वीरता से प्रभावित होकर रानी लक्ष्मीबाई ने मानवती बाई को अपनी महिला सेना में शामिल किया, जहां वे अपने युद्ध कौशल के कारण सेनापति बनीं। वरिष्ठ पत्रकार आनंद ताम्रकार ने बताया कि 30 सितंबर 1856 को झांसी की रक्षा के दौरान मानवती बाई वीरगति को प्राप्त हुईं।

नूतन ताम्रकार ने उनके बलिदान को याद करते हुए कहा कि जब झांसी पर आक्रमण हुआ, तो मानवती बाई ने अपने 16 वर्षीय पुत्र वीरसिंह की नरबलि देकर देश की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया। इसके बाद, वह भी युद्ध में लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुईं। यह अद्वितीय बलिदान इतिहास में दुर्लभ है।

इस अवसर पर समाज के कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जिनमें निर्मल कसार, जगदीश ताम्रकार, नोहरसिंह डोहरे, जनार्दन ताम्रकार, शेखर जड़सेठिया, सुशीला ताम्रकार, सुमन वर्मा और अन्य शामिल थे। कार्यक्रम के अंत में सभी ने वीरांगना के बलिदान को नमन करते हुए आभार व्यक्त किया।

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