मंडला – मंडला जिले के सरकारी स्कूलों में मध्यान्ह भोजन पकाने वाले रसोइयों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने अक्टूबर महीने का मानदेय दीपावली से पहले दिलाए जाने और नियमित रोजगार की मांग उठाई। यह ज्ञापन जनसुनवाई में कलेक्टर के नाम पर दिया गया और मुख्यमंत्री को भी संबोधित किया गया।
रसोइयों को समय पर नहीं मिल रहा मानदेय
रसोइया उत्थान संघ समिति के संस्थापक, समाजसेवी पी.डी. खैरवार ने बताया कि मंडला जिले के रसोइयों को कई महीनों से मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है, जिससे उनके परिवारों में आर्थिक संकट बना हुआ है। उन्होंने कहा कि रसोइयों का मानदेय हर महीने समय पर नहीं दिया जाता, जिससे परिवारों को बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
नियमित रोजगार की मांग
रसोइयों ने सरकार से नियमित रोजगार की मांग भी उठाई है। गंगोत्री विश्वकर्मा, संगठन के प्रदेश सचिव, ने बताया कि मंडला जिले में लगभग 4,700 और पूरे मध्यप्रदेश में करीब 2.5 लाख रसोइए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में रसोइयों को ₹4000 प्रति माह के मानदेय पर सिर्फ साढ़े दस महीने काम दिया जाता है, जिससे गर्मियों की छुट्टियों में वे काम से अलग हो जाते हैं। इसके साथ ही, सरकार की नई नीतियों के चलते कई रसोइए अपने रोजगार से हाथ धोने की कगार पर हैं।
अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी
दीपावली से पहले रसोइयों की मांगों को पूरा न किए जाने पर प्रदेशभर के रसोइए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी भी दे चुके हैं। तीरथ साहू और सुरेश बघेल ने बताया कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो इस हड़ताल के लिए सरकार जिम्मेदार होगी।
समर्थन में आई आम आदमी पार्टी
रसोइयों की मांगों को समर्थन देते हुए समाजसेवी और आम आदमी पार्टी के नेता चंद्रगुप्त नामदेव ने भी शासन-प्रशासन से उनकी समस्याओं का शीघ्र समाधान करने की अपील की है।
ज्ञापन सौंपने के दौरान प्रमुख रूप से कुंवर मरकाम, तीरथ साहू, कृष्णा धार्वैया, लक्ष्मी मरकाम, सुखिया मरावी, इंदर धुर्वे और अन्य रसोइए उपस्थित थे।
- पी. डी. खैरवार
संस्थापक, रसोइया उत्थान संघ समिति, मध्यप्रदेश