सार्वजनिक जगहों पर धूम्रपान करने वालों और तम्बाकू बेचने वालों के लिए बड़ी कार्रवाई की तैयारी

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मंडला /मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. केसी सरोते ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों एवं अनाधिकृत रूप से तम्बाकू उत्पाद बेचने वाले दुकानदारों पर सख्त कार्यवाही की जाएगी। भारत सरकार ने तम्बाकू के बढ़ते उपयोग को रोकने के लिए 18 मई 2003 को तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम 2003 सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिशोध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) अधिनियम 2003 पारित कर दिया। यह अधिनियम उन सभी उत्पादों पर लागू होता है जिनमें किसी भी रूप में तम्बाकू है जैसे- सिगरेट, सिगार, चेरुट, बीड़ी, गुटका, तम्बाकू युक्त पान मसाला, खैनी मावा, मिसरी, सुंघनी आदि। अधिनियम के मुख्य प्रावधान इस प्रकार हैं-सेक्शन 4 सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान निषेध जैसे सभागृह, अस्पताल भवन, रेलवे स्टेशन व प्रतीक्षालय, मनोरंजन केंद्र, रेस्टोरेंट व रेस्टोरेंट व शासकीय कार्यालयों, न्यायालय परिसर, शिक्षण संस्थानों, पुस्तकालय, लोक परिवहन अन्य कार्यस्थल कार्यालय व दुकानें आदि। उल्लघंन करने पर 200 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। सेक्शन 5 तम्बाकू उत्पादों के प्रचार प्रसार हेतु विज्ञापन एवं प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष प्रोत्साहन पर प्रतिबंध है, उल्लघंन की स्थिति में (धारा 5 के उल्लंघन में) कोटपा-2003 अधिनियम की धारा 22 के तहत प्रथम बार उल्लंघन करने पर 2 वर्ष तक का कारावास एवं 1000 रुपये तक जुर्माना या दोनों। दूसरी बार उल्लघंन के मामले में 5 वर्ष का कारावास एवं 5000 रुपये का जुर्माना या दोनों। सेक्शन 6 अ के उल्लंघन में 18 वर्ष के कम आयु के नाबालिक को व्यक्ति के द्वारा तम्बाकू उत्पाद बेचना प्रतिबंधित है एवं दुकान के मालिक अथवा प्रबंधक को तम्बाकू उत्पादों की बिक्री के स्थान पर 30 से 60 सेंटी मीटर का बोर्ड प्रदर्शित करना आवश्यक है, जिसमें 18 वर्ष से कम आयु वाले व्यक्ति को तम्बाकू बिक्री दण्डनीय अपराध है एवं चित्र में तम्बाकू जानलेवा है। यदि धारा 6 अ का उल्लंघन करने पर किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 77 के अंतर्गत 7 साल का कारावास एवं एक लाख रुपए का जुर्माना लगेगा। उन्होंने बताया कि धारा 6 अ के अनुसार क्या होना चाहिए - धारा 6 अ के तहत दुकान के मालिक अथवा प्रबन्धक को तम्बाकू उत्पादों की बिक्री के स्थान पर निम्नलिखित प्रारूप का 30 से 60 सेमी का बोर्ड प्रदर्षित करना होगा। अठारह वर्ष से कम आयु वाले व्यक्ति को तम्बाकू उत्पादों की बिक्री दंडनीय तम्बाकू जानलेवा है अपराध है। दूकानदार को यदि लगे की कोई तम्बाकू उत्पाद खरीदने वाला 18 वर्ष से कम उम्र का है तो वह उससे आयु का प्रमाण मांगे। सेक्शन ब शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज की परिधि में तम्बाकू उत्पादों का विक्रय प्रतिबंधित है। धारा 24 के अंतर्गत 200 रुपए का जुर्माना। सेक्शन 7 प्रत्येक तम्बाकू उत्पाद पर चित्रात्मक स्वास्थ्य चेतावनी होनी चाहिए। धारा 7 का उल्लंघन करने पर जुर्माना, (धारा 20 के तहत) उत्पादन पर पहली बार उल्लंघन करने पर 2 वर्ष का कारावास एवं 5000 रुपये का जुर्माना या दोनों। दूसरी बार उल्लंघन करने पर 5 वर्ष का कारावास या 10000 रुपये का जुर्माना। विक्रय करने पर - 1 वर्ष का कारवास या 1000 रुपये का जुर्माना या दोनों। 2 वर्ष का कारावास या 3000 रुपये का जुर्माना या दोनों। कोटपा एक्ट 2003 के उल्लंघन करने पर डॉ. रानी मरावी दंत चिकित्सक, नोडल अधिकारी द्वारा बताया गया कि आगामी समय मे नियमित रूप से पालन न करने पर टीम द्वारा चालानी कार्यवाही की जावेगी।


इस कानून के तहत:


सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर रोक है और उल्लंघन करने पर 200 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।


विज्ञापन और प्रचार पर प्रतिबंध है, और इसका उल्लंघन करने पर 2 साल तक की जेल या 1000 रुपये का जुर्माना हो सकता है।


नाबालिगों को तम्बाकू बेचना प्रतिबंधित है, और ऐसा करने पर 7 साल तक की सजा और एक लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है।


शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के भीतर तम्बाकू बिक्री पर प्रतिबंध है और उल्लंघन करने पर 200 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।


तम्बाकू उत्पादों पर चित्रात्मक स्वास्थ्य चेतावनी होनी चाहिए, इसका पालन न करने पर 2 साल तक की सजा और 5000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।



डॉ. रानी मरावी ने बताया कि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर नियमित रूप से कार्रवाई की जाएगी।



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