• ई-रजिस्ट्री और ई-पंजीयन के “संपदा-2.0“ पोर्टल और मोबाइल ऐप से पंजीयन की व्यवस्था हुई सुगम, सरल
• दस्तावेजों के पंजीयन के लिए व्यक्तिगत मौजूदगी की जरूरत नहीं
• पेपरलेस होगी रजिस्ट्री और गवाह की जरूरत नहीं होगी
• अब रजिस्ट्री कराने वालों के पास तीन विकल्प होंगे
• अधिकारियों के लिए संपदा 2.0 उन्मुखीकरण कार्यशाला
उन्होने बताया कि संपदा 2.0 सॉफ्टवेयर से संपत्ति की जीआईसी मैपिंग होगी, बायोमेट्रिक पहचान और दस्तावेजों की फॉर्मेटिंग भी होगी। दस्तावेजों के पंजीयन के लिए व्यक्तिगत मौजूदगी की जरूरत नहीं होगी। घर बैठे ही दस्तावेज सत्यापन और पंजीकरण हो सकेगा। दस्तावेज की सॉफ्ट कॉपी व्हाट्सएप और ईमेल से आवेदक को प्राप्त होगी।
संपदा 2.0 सॉफ्टवेयर और पंजीयन की प्रक्रिया के बारे में जिला पंजीयन अधिकारी श्रीमती कीर्ति असाटी ने पीपीटी के माध्यम से विस्तार से बताया। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री वृंदावन सिंह, संयुक्त कलेक्टर सुश्री वंदना राजपूत, एसडीएम श्री जमील खान, डिप्टी कलेक्टर श्री सुधीर कुशवाह सहित सभी विभागों के जिलाधिकारी उपस्थित रहे तथा अनुभाग स्तरीय अधिकारी वीसी के माध्यम से जुडे़।
ई-पंजीयन में लाए गए महत्वपूर्ण परिवर्तन
पक्षकारों की आधार आधारित ई-केवाईसी की प्रक्रिया लागू की गयी है। आयकर विभाग से एकीकृत कर सिस्टम आधारित PAN सत्यापन करना। सभी पक्षकारों का मोबाइल नंबर सत्यापन से संपदा पोर्टल में पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। एक मोबाइल नंबर से परिवार के 4 सदस्यों का पंजीकरण किया जा सकेगा। संपत्ति की मुख्य जानकारी यथा क्षेत्रफल, उपयोग का प्रकार, व्यपवर्तन आदि संपत्ति डाटा सांधारण के मूल विभाग (कृषि भूमि के लिए भू-अभिलेख, प्लाट/भवन के लिए संबंधित स्थानीय नगरीय निकाय या ग्राम पंचायत के सपत्ति पंजी) से यूनिक आईडी के माध्यम से सीधे प्राप्त की जायेगी। संपत्ति की संपदा मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से जिओ मेपिंग अनिवार्य होगी। संपत्ति की जिओ लोकेशन के आधार पर लागू होने वाली गाइडलाइन दर एवं संबंधित विभाग के प्राप्त क्षेत्रफल व पक्षकार द्वारा दी गयी अन्य आवश्यक जानकारी के आधार पर संपत्ति का मूल्यांकन स्वतः हो जायेगा।
इसके साथ ही दस्तावेज तैयार करते समय संपत्ति अर्जित/हस्तांतरण संबंधी पूर्व में पंजीकृत दस्तावेज या न्यायालय डिक्री या अन्य सुसंगत दस्तावेज की लिकिंग करना आवश्यक होगा। साफ्टवेयर द्वारा चुने गए लिखत के आधार पर स्वत: ही प्रारूप (Template) आधारित लेखन, पक्षकार/संस्थाओं के लिए अधिकांश उपयोग होने वाले प्रारूप तैयार करने की भी व्यवस्था। प्रारूप दस्तावेज का निष्पादन पूर्व पक्षकारों द्वारा परीक्षण एवं स्वीकृति आवश्यक। संपदा वालेट का विस्तार सेवा प्रदाताओं के इतर अन्य उपयोगकर्ताओं के लिए भी। समस्त भुगतान सायबर ट्रेजरी या संपदा वॉलेट के माध्यम से ही होगा। समस्त मदों का भुगतान सिंगल क्लिक पर केवल एक ही Transaction से होगा। लेखनी/कलम (Pen) आधारित हस्ताक्षर के स्थान पर केवल डिजिटल हस्ताक्षर या आधार बायोमेट्रिक (फिंगर प्ट/आईरिस) आधारित ई-हस्ताक्षर की व्यवस्था की गई है। ई-हस्ताक्षर के साथ में स्वतः ही फोटो अनुलग्न (affixation) की व्यवस्था है।
चयनित दस्तावेजों के लिए फेसलेस पंजीयन का विकल्प उपलब्ध, इसमें पक्षकार वीडियो केवाईसी के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पंजीयन संपन्न करा सकेगे। यह दो मोड असिस्टेड एवं नान-असिस्टेड के रूप में उपलब्ध होगा। फेसलेस पजीयन की स्थिति में बिना पंजीयन कार्यालय आए दस्तावेजों का इलेक्ट्रानिक प्रस्तुतीकरण एवं Virtual तरीके से निष्पादन की स्वीकृति की व्यवस्था है। पक्षकारों की पहचान कार्यालय आधारित पंजीयन में बायोमेट्रिक आधार प्रमाणीकरण तथा फेसलेस असिस्टेड मोड में OTP आधार प्रमाणीकरण से होगी। पंजीयन/इंपाउण्ड/रिटर्न/रिफ्यूज की कार्यवाही इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ही होगी। पंजीकृत दस्तावेज का केवल इलेक्ट्रॉनिक संस्करण ही संधारित किया जायेगा। डिजीटल हस्ताक्षरित इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज ही पक्षकारों को संपदा पोर्टल या ई-मेल या व्हाट्सऐप पर प्रदान किया जायेगा।
संपदा 2.0 की शुरुआत के फायदे
ई-पंजीयन और ई-स्टेम्पिंग की शुरुआत के साथ ही पूरे देश में पहली बार मध्य प्रदेश में पूरी तरह से पेपरलेस और फेसलेस रजिस्ट्रेशन होगा। इसके बाद किसी को रजिस्ट्री कार्यालय जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। दुनिया के किसी भी कोने में रहते हुए मध्यप्रदेश के किसी भी जिले में रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। एमपी का आदमी जहां भी रहेगा, वह अपनी प्रॉपर्टी बेच सकता है। ऐसा विदेश से भी वह बैठकर कर सकेगा। इससे लोगों का समय भी बचेगा। अब एमपी में नामांतरण के लिए पटवारी के घर भी जाने की जरूरत नहीं पड़ती है।
रजिस्ट्री पेपरलेस होगी
रजिस्ट्री के लिए पेपर देने की अब कोई जरूरत नहीं है। अब पक्षकारों की जानकारी सीधे आधार से और भूमि/संपत्ति की जानकारी भू-अभिलेख और स्थानीय निकाय पोर्टल से प्राप्त की जा सकती है। ई-मेल, व्हाट्सएप और डिजिलॉकर के जरिए भी दस्तावेज उपलब्ध होंगे।
गवाह की जरूरत नहीं होगी
संपदा 2.0 पोर्टल एवं मोबाइल एप के माध्यम से मॉडल डीड सहित अन्य दस्तावेज तैयार करने, स्टाम्प ड्यूटी की गणना, स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान और स्लॉट बुकिंग एकदम आसान होगा। इसके साथ ही अब पहचान के लिए गवाह की जरूरत नहीं होगी। कलेक्टर गाइडलाइन दरें, स्टाम्प शुल्क, पूर्व पंजीकृत दस्तावेज ऑनलाइन उपलब्ध होंगे।
फेसलेस पंजीकरण का विकल्प
नागरिकों को घर पहुंच सुविधा देने के उद्देश्य से विभाग का नवाचार , इसमें पक्षकारों को दस्तावेज पंजीयन के लिए कार्यालय आने की आवश्यकता नही होगी। यह विकल्प केवल चयनित दस्तावेजों के प्रकार पर ही उपलब्ध रहेगा। यह दो तरीकों से संपन्न हो सकेगा। जिसमें पहला है रिमोट - इसमें उप-पंजीयक द्वारा पक्षकारों से वर्चुअल तरीके वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुडकर प्रस्तुतीकरण एवं निष्पादन की स्वीकारोक्ति प्राप्त कर पंजीयन की प्रकिर्या संपन्न की जाती है। दूसरा है फेसलेस - इसमें उप-पंजीयक द्वारा आनलाइन प्रस्तुत दस्तावेज एवं वीडियो के आधार पर पंजीयन की प्रक्रिया संपन्न की जाती है। वीडियो केवायसी की प्रक्रिया में liveliness check तथा स्व- घोषणा / शपथ के वीडियो रिकार्ड किए जाकर सुरक्षित रखे जायेंगे।