भोपाल/बालाघाट, 18 नवंबर 2024:
बालाघाट जिले के कुंदुल जंगल क्षेत्र में 17 नवंबर को हॉकफोर्स और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में जवान शिव कुमार शर्मा गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने तुरंत घायल जवान के उपचार के लिए चिकित्सकों से दूरभाष पर चर्चा की और सर्वोत्तम इलाज के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि जवान के इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) श्री सुधीर सक्सेना ने घटना के अगले दिन गोंदिया स्थित अस्पताल का दौरा किया, जहां घायल जवान का इलाज चल रहा है। उनके साथ एडीजी इंटेलिजेंस श्री योगेश देशमुख और आईजी लॉ एंड ऑर्डर श्री अंशुमान सिंह भी मौजूद रहे।
समीक्षा बैठक में लिया गया नक्सल अभियान का जायजा
घटना के मद्देनजर डीजीपी ने बालाघाट में सीआरपीएफ, कोबरा और हॉकफोर्स के अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की। इस बैठक में नक्सल विरोधी अभियानों की प्रगति और चुनौतियों पर चर्चा की गई। डीजीपी ने जवानों के साहस और समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि सुरक्षा बलों ने पिछले पांच वर्षों में नक्सलियों पर कई बड़ी सफलताएं हासिल की हैं।
जवान के इलाज पर विशेष ध्यान
डीजीपी श्री सक्सेना ने गोंदिया के यूनाइटेड हॉस्पिटल में घायल जवान के स्वास्थ्य का जायजा लिया। उन्होंने चिकित्सकों से उपचार प्रक्रिया की जानकारी ली और यह सुनिश्चित किया कि शिव कुमार शर्मा को सर्वोत्तम इलाज मिले। मुख्यमंत्री ने भी दूरभाष पर चिकित्सकों से बात कर उनकी स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त की।
मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घटना के तुरंत बाद संवेदनशील कदम उठाते हुए घायल जवान और उनके परिवार को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, “राज्य सरकार जवानों की सुरक्षा और उनके परिवारों के साथ हमेशा खड़ी है।”
सुरक्षा बलों के प्रति प्रतिबद्धता
डीजीपी ने कहा कि सरकार जवानों की सुरक्षा और उनके हितों के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इस मुठभेड़ में नक्सली घने जंगल का फायदा उठाकर भागने में सफल रहे, लेकिन सुरक्षा बलों ने अपने साहस और रणनीति का परिचय देते हुए नक्सल विरोधी अभियानों को मजबूत बनाया है।