सिवनी हवाई पट्टी में नियमों का उल्लंघन, मेस्को के खिलाफ कार्रवाई की मांग

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सिवनी – मध्य प्रदेश सरकार के नागरिक उड्डयन विभाग द्वारा सिवनी हवाई पट्टी का पट्टा मेस्को कंपनी को 15 वर्षों के लिए दिया गया था, जिसमें शर्त थी कि मेस्को इस हवाई पट्टी पर विमान पुनर्चक्रण (एयरक्राफ्ट रीसाइक्लिंग) सुविधा स्थापित और संचालित करेगी। हालांकि, मेस्को ने 8 वर्ष बीत जाने के बाद भी इस अनिवार्य शर्त का पालन नहीं किया है और न ही विमान पुनर्चक्रण के लिए कोई अनुमोदन, लाइसेंस या प्रमाणन प्राप्त किया है।


सूत्रों के अनुसार, हवाई पट्टी के उपयोग और संचालन में अनियमितताएं उजागर हुई हैं। मेस्को ने ना केवल अनिवार्य गतिविधि को शुरू करने में विफलता दिखाई है, बल्कि उसने हवाई पट्टी को अवैध रूप से उप-पट्टे पर भी दे दिया है। मेस्को ने इस हवाई पट्टी का उपयोग रेड बर्ड नामक कंपनी को करने की अनुमति दी है, जो सरकारी संपत्ति के आवंटन की प्रमुख शर्तों का सीधा उल्लंघन है। यह अनुमति देने में मेस्को ने नागरिक उड्डयन विभाग, मध्य प्रदेश सरकार से किसी प्रकार की स्वीकृति भी प्राप्त नहीं की।


आरटीआई के माध्यम से प्राप्त जानकारी के अनुसार, आयुक्त विमानन विभाग ने इस मामले की गहन जांच की और मेस्को द्वारा नियमों का घोर उल्लंघन और गैर-अनुपालन पाया है। आयुक्त ने सरकार से यह सिफारिश की है कि मेस्को का आवंटन और एग्रीमेंट रद्द किया जाए तथा सरकारी संपत्ति का दुरुपयोग करने के कारण मेस्को से वसूली की जाए। हालांकि, यह निर्णय पिछले एक वर्ष से सरकार के पास लंबित पड़ा हुआ है।


एक वर्ष से अधिक समय से मामले पर कार्रवाई न होने के कारण यह सवाल खड़ा होता है कि क्या उच्च स्तर पर किसी प्रकार का भ्रष्टाचार और सत्ता का दुरुपयोग किया जा रहा है। मेस्को, रेडबर्ड के साथ मिलकर सरकारी संसाधनों का उपयोग कर लाभ अर्जित कर रही है, जो जनता के हितों के खिलाफ है।


जनता के हितों का हनन


यह मामला नागरिकों और राज्य के हितों का हनन दर्शाता है। राज्य की संपत्ति का दुरुपयोग कर मुनाफा कमाना, तथा जांच और सिफारिश के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई न करना, प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाता है। जनता की मांग है कि सरकार इस मामले पर शीघ्रता से कार्रवाई करे और जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

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