मध्यप्रदेश में खुलेगा मेडिकल कॉलेज का नया अध्याय: 12 कॉलेज पीपीपी मॉडल पर जल्द शुरू

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 प्रदेश में नागरिकों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं: पीपीपी मोड पर खुलेंगे 12 नए मेडिकल कॉलेज



भोपाल,  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की है कि मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने और चिकित्सा शिक्षा का विस्तार करने के उद्देश्य से 12 नए मेडिकल कॉलेज पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर स्थापित किए जाएंगे। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि शीघ्र ही प्रदेश में कुल 50 मेडिकल कॉलेज हो जाएं।

पिछले दो दशकों में मेडिकल शिक्षा का तेजी से विकास

मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2003 तक मध्यप्रदेश में केवल 5 शासकीय मेडिकल कॉलेज थे। बीते 20 वर्षों में 12 नए शासकीय मेडिकल कॉलेज प्रारंभ हुए हैं। अब पीपीपी मोड के जरिए अन्य 12 मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं, जिससे प्रदेश के प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का लक्ष्य साकार होगा।

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सशक्त होती अधोसंरचना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश में चिकित्सा और स्वास्थ्य क्षेत्र की अधोसंरचना लगातार सशक्त हो रही है। हाल ही में मंदसौर, नीमच और सिवनी में तीन नए मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण किया गया। नर्मदापुरम और देवास जैसे क्षेत्रों में भी मेडिकल कॉलेज की सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य हो रहा है।

पीपीपी मॉडल के लाभ:

  • आधुनिक अधोसंरचना: बेहतर मेडिकल उपकरण और सुविधाएं।
  • रोगियों का व्यापक उपचार: अस्पतालों की क्षमता और उपचार की गुणवत्ता में वृद्धि।
  • शिक्षा का विस्तार: छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा शिक्षा।

बैठक की प्रमुख बातें:

शनिवार को समत्व भवन (मुख्यमंत्री निवास) में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री ने उप मुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्री संदीप यादव ने पीपीपी मॉडल पर बनने वाले मेडिकल कॉलेज की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की।

जल्द होगा मंत्रि-परिषद का निर्णय

बैठक में भूमि आवंटन, अस्पतालों की क्षमता विस्तार, और रोगियों के उपचार से संबंधित मुद्दों पर चर्चा हुई। शीघ्र ही मंत्रि-परिषद द्वारा आवश्यक निर्णय लिया जाएगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार नागरिकों को उच्च स्तर की स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने और चिकित्सा क्षेत्र में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है।

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