बालाघाट,मध्यप्रदेश शासन की सीएम हेल्पलाइन की अक्टूबर माह की रैंकिंग में बालाघाट जिले के 11 विभागों की प्रदर्शन स्थिति बेहद खराब पाई गई। इन विभागों की रैंकिंग 30 से अधिक होने के कारण कलेक्टर श्री मृणाल मीना ने नाराजगी व्यक्त करते हुए इन विभागों के प्रमुखों को कारण बताओ सूचना पत्र (नोटिस) जारी किए हैं। कलेक्टर ने इसे मप्र सिविल सेवा आचरण 1965 के नियम-3 के उल्लंघन के अंतर्गत गंभीर प्रशासनिक लापरवाही माना है।
जिले में असंतोषजनक प्रदर्शन के कारण कार्रवाई
कलेक्टर श्री मीना ने बताया कि टीएल बैठक और अन्य निगरानी के बावजूद शिकायतों का संतोषजनक समाधान नहीं हो सका। सीएम हेल्पलाइन पर खराब प्रदर्शन के आधार पर मप्र सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम-1966 के नियम-10 के तहत नोटिस जारी किया गया है। संबंधित अधिकारियों को 7 दिनों के भीतर अपने पक्ष में जवाब देने का निर्देश दिया गया है।
प्रभावित विभाग और गिरती रैंकिंग
रैंकिंग में गिरावट के कारण जिन विभागों को नोटिस जारी किया गया, वे हितग्राहीमूलक योजनाओं और आधारभूत संरचनाओं से जुड़े हैं। प्रभावित विभागों की सितंबर और अक्टूबर की रैंकिंग इस प्रकार रही:
विभाग | सितंबर रैंकिंग | अक्टूबर रैंकिंग |
---|---|---|
पशुपालन विभाग | 12 | 32 |
ऊर्जा विभाग | 37 | 30 |
स्वास्थ्य विभाग | 12 | 35 |
खाद्य आपूर्ति विभाग | 37 | 36 |
सहकारिता विभाग | 3 | 39 |
कृषि विभाग | 26 | 40 |
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी | 21 | 40 |
महिला एवं बाल विकास | 31 | 41 |
श्रम विभाग | 37 | 46 |
आबकारी विभाग | 9 | 35 |
अनुसूचित जनजाति कल्याण | 24 | 30 |
नोटिस प्राप्त करने वाले अधिकारी
निम्न अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है:
- पशुपालन विभाग: उपसंचालक श्री एनडी पुरी
- ऊर्जा विभाग: अधीक्षण अभियंता दीपक कुमार उइके
- स्वास्थ्य विभाग: सीएमएचओ डॉ. मनोज पांडेय
- खाद्य आपूर्ति विभाग: श्रीमती ज्योति बघेल आर्य
- सहकारिता विभाग: उपायुक्त श्री राजेश उइके
- कृषि विभाग: उपसंचालक श्री राजेश खोबरागड़े
- लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी: कार्यपालन यंत्री श्री बीएल उइके
- महिला एवं बाल विकास: जिला परियोजना अधिकारी श्रीमती दीपमाला सोलंकी
- श्रम विभाग: सुश्री दामिनी सिंह
- आबकारी विभाग: जिला आबकारी अधिकारी श्री सुरेंद्र कुमार उरांव
- अनुसूचित जाति कल्याण: सहायक आयुक्त श्री पीएन चतुर्वेदी
कार्रवाई की चेतावनी
कलेक्टर श्री मीना ने स्पष्ट किया है कि यदि संतोषजनक जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया, तो संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इस मामले को शासन स्तर पर भी उठाया जाएगा।
प्रशासन की सख्ती
कलेक्टर का यह कदम शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन में सुधार लाने और शिकायत निवारण प्रक्रिया को प्रभावी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जिले में बेहतर प्रशासनिक व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए ऐसे कठोर कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।