भोपाल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेडिसिटी की परिकल्पना उज्जैन में साकार होने जा रही है। इस परियोजना के तहत एक ही कैंपस में स्वास्थ्य और चिकित्सा से जुड़ी सभी आधुनिक सुविधाएं और समाधान उपलब्ध होंगे। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को समत्व भवन में मीडिया से बातचीत के दौरान यह जानकारी साझा की।
मध्यप्रदेश में बढ़ेगी मेडिकल शिक्षा की पहुंच
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में 50 मेडिकल कॉलेज शीघ्र ही संचालित होंगे। वर्तमान में राज्य में:
- 17 शासकीय मेडिकल कॉलेज संचालित हैं।
- 8 मेडिकल कॉलेज निर्माणाधीन हैं।
- 13 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज पहले से ही कार्यरत हैं।
इसके अतिरिक्त, 12 नए मेडिकल कॉलेज पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल के तहत स्थापित किए जाएंगे।
चिकित्सा क्षेत्र में मध्यप्रदेश बना अग्रणी राज्य
डॉ. यादव ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के मामले में मध्यप्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो चुका है। राज्य सरकार लगातार इस दिशा में निवेश कर रही है ताकि प्रदेश के नागरिकों को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।
मेडिसिटी: उज्जैन में बनेगी नई पहचान
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तावित मेडिसिटी मॉडल के तहत एक ही स्थान पर स्वास्थ्य सुविधाओं का केंद्रीकरण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उज्जैन में इस परियोजना के सफल कार्यान्वयन से न केवल चिकित्सा क्षेत्र में क्रांति आएगी, बल्कि उज्जैन को चिकित्सा पर्यटन के नए केंद्र के रूप में स्थापित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में हो रहा विकास
डॉ. यादव ने कहा कि केंद्र सरकार के मार्गदर्शन में प्रदेश में जन-कल्याण और विकास की योजनाएं निरंतर लागू की जा रही हैं। राज्य सरकार का उद्देश्य चिकित्सा क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छूना है और नागरिकों को सस्ती व सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है।
नोट: उज्जैन में बनने वाली मेडिसिटी न केवल प्रदेश बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल बनेगी। इसके साथ ही मेडिकल कॉलेजों की संख्या में वृद्धि से प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं और चिकित्सा शिक्षा को नई दिशा मिलेगी।