सिवनी हवाई पट्टी पर अनुबंध उल्लंघन मामले में 1 वर्ष से लंबित कार्रवाई: प्रशासनिक लापरवाही या राजनीतिक दबाव?

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सिवनी, मध्य प्रदेश – सिवनी जिले में शासकीय हवाई पट्टी के अनुबंध उल्लंघन के मामले में राज्य शासन की निष्क्रियता और देरी ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। लगभग एक वर्ष पहले विमानन विभाग ने हवाई पट्टी पर अनुबंध का उल्लंघन करने वाली निजी संस्था मैसर्स मेस्को एयरोस्पेस लिमिटेड के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की थी। बावजूद इसके, अभी तक शासन द्वारा इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, जो प्रशासनिक ढाँचे की सुस्ती को उजागर करता है।

पूर्व में भी चेतावनी के बावजूद उल्लंघन

विमानन विभाग ने इस मामले में पहले ही कंपनी को चेतावनी दी थी, लेकिन इसके बावजूद कंपनी ने अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन जारी रखा। विभाग द्वारा एक अंतिम मौका दिया गया था, ताकि कंपनी अपनी गतिविधियाँ शुरू करे, लेकिन वह न केवल गतिविधियाँ शुरू करने में नाकाम रही, बल्कि अन्य कंपनियों को भी बिना अनुमति के हवाई पट्टी पर उड़ान संचालन की सुविधा देती रही।


जिला प्रशासन की लापरवाही या मिलीभगत?


इस मामले में जिला प्रशासन की भूमिका भी संदिग्ध रही है। जानकारी के मुताबिक, जिला प्रशासन से भी इस मामले में शिकायत की गई थी, लेकिन प्रशासन ने मामले पर कोई प्रभावी ध्यान नहीं दिया। क्या यह प्रशासनिक लापरवाही है या फिर किसी प्रकार की मिलीभगत का संकेत? इस पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। प्रशासन की कार्रवाई प्रणाली पर यह प्रश्नचिह्न लगता है, जो नागरिकों और विशेषज्ञों में संदेह पैदा कर रहा है।


अवैध उड़ानें: प्रशासन की नाकामी का उदाहरण 

यह भी ध्यान देने योग्य है कि कंपनी द्वारा लगातार अवैध उड़ानें संचालित की जा रही हैं, जो शहर में देखी जा सकती हैं। जिला प्रशासन और विमानन विभाग की ओर से इस पर कोई ठोस कार्रवाई न होना, प्रशासन की नाकामी का प्रतीक बनता जा रहा है। यह स्थिति सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत का इशारा कर सकती है, जो अब सार्वजनिक रूप से चर्चा का विषय बन गई है।

प्रकाशित खबरों का भी नहीं लिया गया संज्ञान

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय मीडिया ने लगातार शासन की सुस्ती पर प्रकाश डाला है। जनता में नाराजगी और असंतोष बढ़ता जा रहा है, क्योंकि राज्य सरकार की निष्क्रियता से यह मामला अनदेखा हो रहा है। जनता और विशेषज्ञों का मानना है कि इतनी बार खबरें प्रकाशित होने के बाद भी राज्य सरकार ने संज्ञान न लेकर अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लिया है।


जवाबदेही की कमी से जनता में आक्रोश

राज्य सरकार की इस देरी से जनता में प्रशासनिक जवाबदेही को लेकर गहरा असंतोष है। जनता का कहना है कि यदि जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए गए तो यह मामला शासन की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचाएगा और सिवनी हवाई पट्टी का सही उपयोग भी नहीं हो पाएगा। जनता ने इस मामले में शीघ्र कार्रवाई की मांग करते हुए राज्य सरकार से जवाबदेही सुनिश्चित करने की मांग की है।


क्या सरकार तोड़ेगी अपनी चुप्पी?

अब देखना यह है कि एक वर्ष की लंबी देरी के बाद राज्य सरकार इस मामले में कोई ठोस कदम उठाएगी या फिर यह मामला इसी तरह से फाइलों में दबा रहेगा।

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