कलेक्टर के निर्देश पर 63 लाख से अधिक के खाद्यान्न घोटाले में एफआईआर दर्ज

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कटनी। कलेक्टर श्री दिलीप कुमार यादव ने सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में गड़बड़ी पर सख्त रुख अपनाते हुए, मुरवारी शासकीय उचित मूल्य दुकान में 63 लाख 38 हजार 356 रुपये के खाद्यान्न अपयोजन के मामले में एफआईआर दर्ज करवाई।


शासकीय उचित मूल्य दुकान (दुकान कोड: 4207017) के विक्रेता रतन पांडेय (निवासी सनकुई, ढीमरखेड़ा) और समिति प्रबंधक अजय मिश्रा (निवासी पचपेड़ी, उमरियापान) के खिलाफ बुधवार को ढीमरखेड़ा पुलिस थाना में भारतीय दंड संहिता और आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई। शिकायत कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी ब्रजेश कुमार जाटव ने दर्ज कराई।


खाद्यान्न अपयोजन का मामला


जांच में पाया गया कि विक्रेता और समिति प्रबंधक ने चार महीनों तक राशन का वितरण किए बिना ही फर्जी तरीके से पीओएस मशीन द्वारा हितग्राहियों के बायोमेट्रिक सत्यापन कर ऑनलाईन वितरण दर्ज किया।


कुल 2208 क्विंटल खाद्यान्न गायब पाया गया:


गेहूं: 1268.13 क्विंटल

चावल: 914.5 क्विंटल

नमक: 23.69 क्विंटल

शक्कर: 0.31 क्विंटल

मूंग: 1.60 क्विंटल



कैसे हुआ घोटाला?


जांच टीम ने पाया कि राशन दुकान भौतिक रूप से बंद थी और उपभोक्ता खाद्यान्न के लाभ से वंचित थे। अपयोजित खाद्यान्न का कुल मूल्य 63 लाख 38 हजार 356 रुपये है।


कलेक्टर का सख्त संदेश


कलेक्टर श्री दिलीप कुमार यादव ने कहा, "जनसुविधाओं में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ हमारी 'जीरो टॉलरेंस' नीति है। जनता के अधिकारों का हनन किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"


यह कार्रवाई प्रशासनिक पारदर्शिता और अनुशासन सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।


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