डिंडौरी: जिले में पहली बार जिला स्तरीय समन्वय समिति (डीएलसीसी) की बैठक में बैंकर्स और हितग्राहियों को साथ बैठाकर समस्याओं का समाधान निकाला गया। गुरुवार शाम को आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता कलेक्टर श्री संदीप जी.आर. ने की। बैठक में जिले के सभी बैंकर्स, विभिन्न शासकीय योजनाओं के हितग्राही और विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।
कलेक्टर ने सभी बैंकर्स को निर्देश दिया कि लोन प्रकरणों में अनावश्यक दस्तावेजों की मांग न करें और समय पर ऋण स्वीकृत करें। उन्होंने कहा कि सभी बैंकर्स को "यूनिफाइड सेट ऑफ डॉक्यूमेंट्स" का पालन करना चाहिए ताकि लोन प्रक्रिया में एकरूपता बनी रहे और हितग्राही को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
समस्याओं का मौके पर हुआ समाधान
बैठक का उद्देश्य बैंकर्स और हितग्राहियों के बीच संवाद स्थापित कर व्यावहारिक समस्याओं का समाधान निकालना था। इस अवसर पर कलेक्टर ने हितग्राहियों से सीधे संवाद कर उनकी समस्याओं को सुना। स्व-सहायता समूहों और पीएम स्वनिधि के हितग्राहियों ने अपनी समस्याएं साझा कीं।
स्व-सहायता समूहों की प्रतिनिधियों ने ई-केवाईसी, खाता न होने जैसी दिक्कतें बताईं, जिस पर कलेक्टर ने इन प्रक्रियाओं को नि:शुल्क कियोस्क के माध्यम से पूरा करने और गांवों में वित्तीय साक्षरता शिविर आयोजित करने के निर्देश दिए।
पीएम स्वनिधि के हितग्राहियों को प्राथमिकता
पीएम स्वनिधि योजना के अंतर्गत ऋण लेने वाले हितग्राही श्री भरत सोनी और श्री रिंकू जाटव ने बताया कि उन्होंने पहले चरण का ऋण चुकता कर दिया है और अब 50 हजार रुपये के लिए आवेदन किया है। इस पर कलेक्टर ने संबंधित बैंकर्स से शीघ्र ऋण स्वीकृति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
शासकीय योजनाओं के लक्ष्य पूर्ण करने के निर्देश
कलेक्टर ने विभिन्न विभागों को शासकीय योजनाओं के लक्ष्य के अनुरूप ऋण आवेदन समय पर निपटाने का निर्देश दिया। उन्होंने पीएमएफएमई, पशु एवं मत्स्य केसीसी, और अन्य महत्वाकांक्षी योजनाओं को इस वित्तीय वर्ष में अनिवार्य रूप से पूर्ण करने के लिए कहा।
हितग्राहियों की समस्याओं पर फोकस
कलेक्टर ने जोर देकर कहा कि बैंकों को हितग्राहियों को बार-बार बुलाने और अनावश्यक दस्तावेजों की मांग से बचना चाहिए। इससे न केवल ऋण स्वीकृति प्रक्रिया सरल होगी बल्कि बैंकर्स को भी अपना कार्य प्रभावी ढंग से करने में सुविधा होगी।
बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री विवेक केवी, लीड बैंक अधिकारी श्री सीपी सिंह, आरबीआई, नाबार्ड और सभी संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे। कलेक्टर ने बैंकर्स और हितग्राहियों से आपसी सहयोग और संवाद के माध्यम से जिले में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने का आह्वान किया।