एआरटी सेंटर में विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट्स के लिए एचआईवी/एड्स पर कार्यशाला आयोजित
सिवनी, 04 दिसंबर:
जिला चिकित्सालय के एआरटी सेंटर में आज विदेशी (रूस और अन्य देशों) से एमबीबीएस कर चुके चिकित्सकों (एफएमजी) के लिए एचआईवी/एड्स पर एक जागरूकता कार्यशाला आयोजित की गई। यह कार्यशाला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जयपाल ठाकुर के मार्गदर्शन में चल रहे विश्व एड्स अभियान के तहत आयोजित हुई।
कार्यशाला में नोडल अधिकारी डॉ. जयज काकोड़िया ने एचआईवी/एड्स के फैलने के चार प्रमुख कारणों पर प्रकाश डाला। उन्होंने चिकित्सकों को यह समझाया कि मरीजों का इलाज करते समय खुद को एचआईवी संक्रमण से बचाने के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि किसी मरीज के इलाज के दौरान चिकित्सक संक्रमित सुई या रक्त के संपर्क में आते हैं, तो 72 घंटे के अंदर एआरटी सेंटर से पीईपी (पोस्ट एक्सपोज़र प्रोफाइलेसिस) दवाएं लेना आवश्यक है।
डॉ. महेंद्र ओगारे (एसएमओ) ने मरीजों की गोपनीयता बनाए रखने और एचआईवी पॉजिटिव मरीजों को एआरटी सेंटर रेफर करने के निर्देश दिए। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. विनोद दहायत ने बताया कि यदि गर्भवती महिलाएं नियमित रूप से एआरटी की दवाएं लेती हैं और वायरल लोड की जांच करवाती हैं, तो उनके बच्चों में एचआईवी संक्रमण का खतरा न्यूनतम हो जाता है।
मलेरिया अधिकारी रामजी भलावी ने एचआईवी पॉजिटिव मरीजों में मलेरिया और डेंगू के इलाज के बारे में बताया। वहीं, डॉ. हर्षित माहौर ने उपस्थित एफएमजी चिकित्सकों के साथ एचआईवी से जुड़े प्रश्न-उत्तर सत्र आयोजित किया।
इस कार्यशाला में डॉ. जयज काकोड़िया, डॉ. महेंद्र ओगारे, डॉ. विनोद दहायत, डॉ. हर्षित माहौर, डॉ. अंकित राज नामदेव, डॉ. सौरभ सिंह, डॉ. प्रदीप दुबे, डॉ. साहिल चौपड़ा, डॉ. शुभम शर्मा और अन्य इंटर्न चिकित्सक उपस्थित रहे।
कार्यशाला का उद्देश्य चिकित्सकों को एचआईवी/एड्स के प्रति जागरूक करना और संक्रमण से बचाव के उपायों पर प्रशिक्षण देना था।