रायसेन: रातापानी टाइगर रिजर्व का उद्घाटन होते ही गौहरगंज में बाघिन की मौत

Krishna Kant Soni


Raisen MP:
रायसेन जिले में रातापानी टाइगर रिजर्व के लोकार्पण के 24 घंटे के भीतर एक दुखद घटना सामने आई है। गौहरगंज रेंज में एक साल की बाघिन की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। यह घटना गौहरगंज में भोपाल-जबलपुर रोड पर हुई, जहां अज्ञात वाहन ने बाघिन को टक्कर मार दी। यह घटना रात 12 से 1 बजे के बीच होने का अनुमान है।

मुख्यमंत्री का उद्घाटन और फिर हादसा

कल ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रातापानी टाइगर रिजर्व का लोकार्पण किया था, और इसके बाद यह दुखद घटना सामने आई। इस हादसे को लेकर वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट अजय दुबे ने चिंता जताई है और सरकार से बाघों की सुरक्षा को लेकर ध्यान देने की अपील की है।

वन विभाग की कार्रवाई

घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग के अधिकारियों ने तत्काल मौके पर पहुंचकर मृत बाघिन की डेडबॉडी को सुरक्षित किया। वन मंडल अधिकारी बिनेका और गौहरगंज स्टाफ ने शव को बेरिकेट्स से घेर कर उसकी जांच की। पशु चिकित्सकों ने पोस्टमार्टम किया और फोरेंसिक जांच के लिए सैंपल एकत्र किए।

सुरक्षा पर बढ़ती चिंता

इस घटना ने बाघों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। वन विभाग ने इस मामले में वन अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किया है। अब यह देखना होगा कि भविष्य में इस तरह के हादसों से बचने के लिए वन विभाग और सरकार क्या कदम उठाती है।

रातापानी टाइगर रिजर्व की बढ़ती अहमियत

रातापानी टाइगर रिजर्व प्रदेश का एक प्रमुख टाइगर लैंडस्केप बन गया है, जहां 96 बाघों की उपस्थिति दर्ज की गई है। 2026 तक इस रिजर्व में बाघों की संख्या बढ़कर 150 से अधिक होने का अनुमान है। यह रिजर्व बाघों के लिए एक सुरक्षित आशियाना बनता जा रहा है, लेकिन इस हादसे ने बाघों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता उत्पन्न की है।


बाघों की बढ़ती संख्या

मध्य प्रदेश में बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है। 2022 की गणना के अनुसार प्रदेश में 785 बाघ हैं, जो 2018 में 526 थे। इससे यह स्पष्ट होता है कि प्रदेश में बाघों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, लेकिन इसके साथ ही उनकी सुरक्षा भी चुनौतीपूर्ण बन रही है।

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