"कंडीपार में अधूरे मकानों और खाली वादों की कहानी, पंजाब नेशनल बैंक सवालों के घेरे में"

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 प्रधानमंत्री आवास योजना (ईडब्ल्यूएस) में हितग्राहियों की अनदेखी, पंजाब नेशनल बैंक पर गंभीर आरोप

सिवनी नगरपालिका के स्वास्थ्य सभापति राजिक अकील ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर प्रधानमंत्री आवास योजना (ईडब्ल्यूएस) के हितग्राहियों के प्रति पंजाब नेशनल बैंक के रवैये की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि कंडीपार ग्राम में 1200 आवासों के निर्माण का कार्य 2018 में प्रारंभ हुआ था, लेकिन भ्रष्टाचार और लापरवाही के कारण हितग्राही आज भी आवास से वंचित हैं।

मोंटोकार्लो कंपनी पर आरोप

सभापति ने बताया कि ठेकेदार कंपनी मोंटोकार्लो ने 116 आवासों का अधूरा निर्माण कर लगभग 4 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान लेकर काम बंद कर दिया और फरार हो गई। 2018 से 2022 तक सिवनी नगरपालिका ने ना तो ठेकेदार से राशि वसूलने के प्रयास किए और ना ही आवासों का कार्य फिर से शुरू किया।

2022 में नई नगरपालिका परिषद के गठन के बाद ठेकेदार को पत्राचार कर कानूनी कार्यवाही की चेतावनी दी गई। इसके परिणामस्वरूप कंपनी ने 4 करोड़ रुपये अग्रिम और 2 करोड़ रुपये ब्याज के रूप में नगरपालिका को लौटाए। इसके बाद अधूरे आवासों का कार्य प्रारंभ किया गया और 116 आवासों का निर्माण पूर्ण किया गया। लेकिन ये आवास अब भी हितग्राहियों को आवंटित नहीं किए गए हैं।

पंजाब नेशनल बैंक की भूमिका

राजिक अकील ने बताया कि 2018 में 116 हितग्राहियों ने आवास प्राप्त करने के लिए अपनी जमा पूंजी और ऋण लेकर 20,000 रुपये की राशि नगरपालिका में जमा की। योजना के तहत प्रत्येक आवास की कीमत 4.5 लाख रुपये निर्धारित थी:

  • 20,000 रुपये हितग्राही द्वारा नगद।
  • 1.8 लाख रुपये पंजाब नेशनल बैंक से ऋण।
  • 2.5 लाख रुपये शासन से अनुदान।

हालांकि, पंजाब नेशनल बैंक ने 82 हितग्राहियों के दस्तावेज पूरे होने के बावजूद केवल 2 हितग्राहियों को ऋण स्वीकृत किया। शेष 80 हितग्राही लगातार बैंक प्रबंधन और स्टाफ की कमी का बहाना सुनकर परेशान हो रहे हैं।

हितग्राहियों का संघर्ष

हितग्राही पिछले छह वर्षों से अपने आवास के सपने को साकार करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। अगस्त 2018 में कई लोगों ने गहने बेचकर और ब्याज पर ऋण लेकर राशि जमा की थी, लेकिन बैंक की उदासीनता और लापरवाही के कारण वे अब भी घरों से वंचित हैं।

सरकार और बैंक की नीतियों में असमानता

सभापति ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री द्वारा शासकीय योजनाओं में हितग्राहियों को प्राथमिकता देने और बैंक गारंटी सुनिश्चित करने के दावे पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारियों द्वारा सिरे से खारिज किए जा रहे हैं।

मांग और अपील

सभापति ने राज्य और केंद्र सरकार से अपील की है कि वे पंजाब नेशनल बैंक के प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई करें और हितग्राहियों को शीघ्र ऋण प्रदान कर उनका आवास आवंटित करें। साथ ही, संबंधित विभागों से आग्रह किया है कि इस योजना को प्रभावी तरीके से लागू किया जाए, ताकि वर्षों से पीड़ित हितग्राहियों को उनका हक मिल सके।


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