जुन्नारदेव ग्राम जमकुंडा में वर्षों से लंबित मोक्षधाम निर्माण की मांग को लेकर शुक्रवार को ग्रामीणों ने जोरदार प्रदर्शन किया। नाराज ग्रामीणों ने पंचायत कार्यालय परिसर में शव रखकर आक्रोश जताया, जिससे प्रशासन हरकत में आया। अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जल्द से जल्द मोक्षधाम निर्माण का आश्वासन दिया, जिसके बाद प्रदर्शन समाप्त हुआ।

पंचायत की लापरवाही बनी परेशानी की जड़

ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत की निष्क्रियता के कारण यह गंभीर स्थिति उत्पन्न हुई। कई बार पंचायत से मोक्षधाम निर्माण की मांग की गई, लेकिन इसे नजरअंदाज किया गया। यदि समय रहते समाधान हो जाता, तो शव को सड़क पर रखकर विरोध करने की नौबत न आती।

वर्षों से लंबित मांग, फिर भी कार्रवाई नहीं

गांव में मोक्षधाम निर्माण की मांग वर्षों से लंबित है, लेकिन पंचायत की निष्क्रियता के चलते कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक प्रशासन पर दबाव नहीं बनाया जाता, तब तक विकास कार्यों को टाल दिया जाता है।

प्रशासन का आश्वासन – कब पूरा होगा वादा?

प्रदर्शन के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि मोक्षधाम निर्माण के लिए जल्द प्रस्ताव तैयार कर स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। हालांकि, ग्रामीणों को आशंका है कि यह आश्वासन भी सिर्फ एक औपचारिकता बनकर न रह जाए।

ग्रामीणों की मांग – जल्द शुरू हो निर्माण कार्य

गांववासियों ने स्पष्ट किया कि यदि मोक्षधाम का निर्माण जल्द शुरू नहीं किया गया तो वे फिर से आंदोलन करेंगे। उनका सवाल है कि पंचायत आखिर इतनी लापरवाह क्यों बनी रही? क्या उसे गांव की मूलभूत आवश्यकताओं की चिंता नहीं है?

पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएँ

यह पहली बार नहीं है जब गांववासियों को इस समस्या का सामना करना पड़ा हो। अगस्त 2024 में भी भारी बारिश के दौरान ग्रामीणों को त्रिपाल के नीचे शवों का अंतिम संस्कार करने को मजबूर होना पड़ा था। तब भी मामला गरमाया था, लेकिन पंचायत की लापरवाही के चलते कोई समाधान नहीं निकला। अब दोबारा वही स्थिति उत्पन्न हुई, जिससे ग्रामीणों का आक्रोश और बढ़ गया।

वन भूमि पर मिले पट्टा, वहीं बने मोक्षधाम

ग्रामीणों की मांग है कि जिस स्थान पर वर्षों से दाह संस्कार किया जा रहा है, वह वन भूमि में आता है। पंचायत को सामुदायिक दावेदारी कर पट्टा लेकर वहीं मोक्षधाम का निर्माण करवाना चाहिए, ताकि ग्रामीणों को बार-बार इस समस्या का सामना न करना पड़े।

प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी

प्रदर्शन के दौरान कई अधिकारी मौके पर पहुंचे:

  • सीईओ, जनपद पंचायत जुन्नारदेव – रश्मि चौहान

  • नायब तहसीलदार – राजीव नेमा

  • पंचायत अधिकारी – डीएस भलावी

  • थाना प्रभारी, जुन्नारदेव – राकेश सिंह बघेल

  • अंबाड़ा चौकी प्रभारी – मिथुन ओसारी

  • पूर्व सरपंच – प्रकाश कुमरे

  • उपसरपंच – राकेश खरे

  • ग्राम पंचायत सचिव – शालेवार

अब देखना यह होगा कि प्रशासन कब तक अपने वादे पर अमल करता है या यह आश्वासन भी सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह जाता है।

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