नरसिंहपुर: पत्रकार अभय बानगात्री (हिन्दुस्तानी) ने जिले में पत्रकारों को मिल रही धमकियों और प्रशासन की निष्क्रियता के विरोध में भूख हड़ताल शुरू कर दी है। 3 जनवरी से यह भूख हड़ताल क्रमिक रूप से जारी रहेगी।
पुलिस की जांच पर सवाल
पत्रकारों ने सवाल उठाया है कि धमकी देने वाले दोनों मोबाइल नंबरों की लोकेशन मिलने के बावजूद अब तक उनकी GDR (कॉल डिटेल रिकॉर्ड) क्यों नहीं निकाली गई? यह भी स्पष्ट नहीं है कि धमकी देने वाले नरसिंहपुर में मौजूद हैं या उनका संबंध किन लोगों से है।
प्रशासन की चुप्पी
पत्रकार संगठनों ने उच्च अधिकारियों को कई ज्ञापन सौंपे हैं, लेकिन जिला प्रशासन की ओर से अब तक कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस या आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया। पत्रकार संगठनों का कहना है कि पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई को सार्वजनिक किया जाए और धमकी देने वालों का उद्देश्य जनता के सामने रखा जाए।
पत्रकार प्रोटेक्शन एक्ट की मांग
पत्रकारों का कहना है कि प्रदेश में पत्रकार प्रोटेक्शन एक्ट लागू होना बेहद जरूरी है। आए दिन पत्रकारों को खबरें प्रकाशित करने पर धमकियां और हमले झेलने पड़ते हैं। पत्रकार संगठन इस बात पर अड़े हैं कि इस एक्ट को जल्द लागू किया जाए ताकि पत्रकार सुरक्षित माहौल में काम कर सकें।
अनिश्चितकालीन धरना जारी
2 जनवरी से शुरू हुए अनिश्चितकालीन धरने में कई पत्रकार शामिल हो चुके हैं। पत्रकार अभय बानगात्री की भूख हड़ताल के साथ यह विरोध प्रदर्शन अब और तेज हो गया है। पत्रकारों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया तो आंदोलन को और बड़ा रूप दिया जाएगा।
शासन से मांगें:
1. धमकी देने वालों के नंबरों की GDR निकालकर उनके उद्देश्य का खुलासा किया जाए।
2. प्रदेश में पत्रकार प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए।
3. पत्रकारों पर हमलों और धमकियों के मामलों में पुलिस की अब तक की कार्रवाई को सार्वजनिक किया जाए।
जनता और प्रशासन के लिए बड़ा सवाल
क्या प्रशासन पत्रकारों की सुरक्षा और स्वतंत्रता सुनिश्चित करेगा? पत्रकार संगठनों ने यह भी मांग की है कि जिला प्रशासन तुरंत प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्थिति स्पष्ट करे।
-- खबर अपडेट जारी रहेगा।