मध्यप्रदेश ने न्यायिक प्रक्रिया को आधुनिक और डिजिटल बनाने में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए "ई-समन" व्यवस्था लागू की है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि इस व्यवस्था से न केवल समय की बचत होगी, बल्कि पुलिस और प्रशासन के संसाधनों का भी अधिकतम उपयोग संभव होगा। उन्होंने बताया कि बंदी जेल से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से न्यायालयीन कार्यवाही में शामिल हो सकेंगे और चिकित्सकों के बयान अस्पताल से ही दर्ज किए जाएंगे।

डॉ. यादव ने कहा कि इस पहल से पुलिस बल के लगभग 30% कार्य और समय की बचत होगी। यह व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा प्राथमिकता पर लागू की जा रही है, जिसकी नियमित समीक्षा प्रतिमाह की जाएगी।

महिला सशक्तिकरण और शराबबंदी पर फोकस

महेश्वर में आयोजित मंत्रि-परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री ने देवी अहिल्या बाई और रानी दुर्गावती को नारी सशक्तिकरण के अनुपम उदाहरण बताया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी सशक्तिकरण के चार स्तंभों पर आधारित शासन व्यवस्था पर जोर दिया गया।

मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि राज्य के 19 धार्मिक नगरों और ग्राम पंचायतों में पूर्ण शराबबंदी लागू की जाएगी। यह निर्णय परिवार और समाज के हित को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

डॉ. अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय बनेगा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस

महू स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित करने की घोषणा की गई। विधि संकाय की स्थापना के लिए 25 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा गया है। इसके अतिरिक्त, भोपाल में हाल ही में लोकार्पित एक सेतु का नामकरण डॉ. अंबेडकर के नाम पर किया गया।

ग्लोबल इन्वेस्टर समिट की तैयारी

मुख्यमंत्री ने 24-25 फरवरी को भोपाल में आयोजित होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिए पुणे में निवेशकों और उद्योग समूहों के साथ हुए इंटरएक्टिव सेशन की जानकारी भी साझा की। उन्होंने कहा कि इस समिट से राज्य में निवेश को बढ़ावा मिलेगा और आर्थिक विकास को नई दिशा मिलेगी।

मध्यप्रदेश की ये पहलकदमियां राज्य को विकास, नवाचार और सामाजिक सुधार के एक नए मार्ग पर ले जा रही हैं।

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