संयुक्त पत्रकार मोर्चा के धरने को सिवनी और छिंदवाड़ा से मिला बड़ा समर्थन

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 नरसिंहपुर।

मध्यप्रदेश में पत्रकारों की सुरक्षा और पत्रकार प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग को लेकर नरसिंहपुर से शुरू हुआ आंदोलन अब पूरे प्रदेश में जोर पकड़ रहा है। नरसिंहपुर में संयुक्त पत्रकार मोर्चा के बैनर तले जारी अनिश्चितकालीन धरना और क्रमिक भूख हड़ताल को सिवनी और छिंदवाड़ा जिलों से भी व्यापक समर्थन मिला है।

पत्रकारों के सामने चुनौतियां

पत्रकारों को खबरें प्रकाशित करने के बाद माफियाओं से धमकियां, हमले और यहां तक कि हत्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है। फील्ड पर काम करने वाले पत्रकारों की सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा बन चुकी है। उनके परिवार भी लगातार चिंतित रहते हैं। इन्हीं हालातों को देखते हुए प्रदेशभर के पत्रकार पत्रकार प्रोटेक्शन एक्ट की मांग को लेकर एकजुट हो रहे हैं।

सिवनी और छिंदवाड़ा से प्रतिनिधिमंडल का समर्थन

नरसिंहपुर धरना स्थल पर सिवनी और छिंदवाड़ा जिलों से पत्रकारों का एक बड़ा समूह पहुंचा। उन्होंने भूख हड़ताल पर बैठे पत्रकारों का सम्मान करते हुए समर्थन जताया और प्रदेश सरकार से शीघ्र प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग की।

छिंदवाड़ा जिले के प्रतिनिधि:

  • मनेश साहू (जिलाध्यक्ष, मीडिया संगठन छिंदवाड़ा)
  • केसरी सराठे (संरक्षक, मीडिया संगठन)
  • सुरेंद्र सोनी (प्रदेश प्रभारी)
  • रत्नेश डेहरिया (संभागीय प्रभारी)
  • सुशील विश्वकर्मा (नगर अध्यक्ष)
  • अर्जुन मरपे (उमरेड अध्यक्ष)
  • हरि ओम नेमा (जिला मीडिया प्रभारी)
  • अंकिता शर्मा (महिला जिला अध्यक्ष)
  • आशु रजक (तहसील सचिव)
  • मोनू रजक (तहसील उपाध्यक्ष)

सिवनी जिले के प्रतिनिधि:

  • महेंद्र अग्रवाल (जिलाध्यक्ष)
  • ईश्वर दीक्षित (महासचिव)
  • युवराज पटेल (जिला उपाध्यक्ष)
  • नरेंद्र श्रीवास्तव (घंसौर ब्लॉक अध्यक्ष)
  • मुरलीधर दुबे (ब्लॉक महासचिव)
  • संदीप कुमार जायसवाल (सदस्य)
  • बीरन डोंगरे (जिला सदस्यता प्रभारी)

धरने में मुख्य मांगें:

  1. प्रदेश में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए पत्रकार प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए।
  2. माफिया और असामाजिक तत्वों से पत्रकारों को मिल रही धमकियों पर कड़ी कार्रवाई हो।
  3. फील्ड पर काम करने वाले पत्रकारों को सुरक्षा और सम्मान की गारंटी दी जाए।

संयुक्त मोर्चा की अपील

धरने में शामिल पत्रकारों और प्रतिनिधियों ने प्रदेश के सभी पत्रकारों से इस आंदोलन को समर्थन देने की अपील की है। उनका कहना है कि जब तक पत्रकारों की सुरक्षा के लिए ठोस कानून नहीं बनता, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।

जनता और प्रशासन से अनुरोध: पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कदम उठाएं और उनकी आवाज को दबाने के किसी भी प्रयास का विरोध करें।

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