सिवनी / प्रदेश में उद्योगपतियों को उद्योग कारखाने स्थापित करने कौड़ियों के भाव जमीन दी जाएगी। इसके साथ ही अनेक प्रकार की सुविधाएं और छूट भी मिलेगी। लेकिन पिछला रिकार्ड बताता है कि उद्योग पति सरकारी बैंकों से लोन लेकर बड़े पैमाने पर जमीन खरीद कर उनमें रियल इस्टेट खड़ा करते हैं। करोड़ो रुपये कमाते हैं। कुछ उद्योगपति लोन सब्सिडी लेकर विदेश भाग जाते हैं। इस तरह अब प्रदेश में जमीन बहुत मंहगी होगी। वहीं लाखों लोगों को रोजगार देने की योजना  में पानी फिर जाएगा।


उक्ताशय के विचार व्यक्त करते हुए समाज सेवी रघुवीर अहरवाल ने बताया कि प्रदेश में उद्योग कारखाने स्थापित करने के लिए भोपाल में उद्योगपतियों को इन्वेस्ट करने पी एम मोदी जी एवं सी एम  यादव जी ने एक शानदार मीटिंग की। जिसमें प्रदेश के लाखों लोगों को रोजगार देने के साथ साथ प्रदेश के विकास की रुपरेखा भी बनाई गई है। अब उद्योगपतियों को  मनचाही जमीन कौड़ियों के भाव दी जाएगी। साथ में करोड़ों रुपये के लोन, सब्सिडी, पानी, बिजली और आयकर आदि में छूट दी जाएगी। इनमें से कुछ ही उद्योगपति उद्योग स्थापित करेंगे। अधिकांश लोन और सब्सिडी लेकर प्रदेश में बड़े पैमाने पर जमीन खरीद कर रियल इस्टेट खड़ा करेंगे। जमीनों के भाव बेहताशा बढ़ेंगे। यहां तक की गरीबों को मकान बनाने के लिए जमीन का एक छोटा सा टुकड़ा खरीदने बहुत तकलीफ होगी। इसी तरह कुछ उद्योगपति लोन आदि लेकर विदेश भाग जाएंगे। जो सरकार की लाख कोशिश के बाद भी वापिस नहीं आ सकते। जैसे विजय माल्या, नीरव मोदी आदि।

श्री अहरवाल ने आगे बताया कि सरकारी सुविधाएं पाने के बाद उद्योगपतियों और कॉरपोरेट घरानों की सम्पति में भारी इजाफा हुआ है। वही कर्मचारियों के वेतन आदि में कमी आई है। यहां तक की लाखों लोगों को रोजगार देने का उद्योगपतियों ने जो आश्वासन दिया था। वह अधूरा रह गया। दूसरी तरफ देश प्रदेश में मंहगाई और बेरोजगारी लगातार बढ़ती ही जा रही है।
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